ऑपरेशन सिंदूर से कुछ नहीं निकला: जम्मू-कश्मीर विस्फोट पर फारूक अब्दुल्ला का बयान
फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर विस्फोट और ऑपरेशन सिंदूर पर टिप्पणी की, डॉक्टरों की भूमिका पर सवाल उठाए और विस्फोटक प्रबंधन में सुधार की मांग की।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में हुए हालिया विस्फोट पर चिंता व्यक्त करते हुए दो विवादित टिप्पणियाँ की हैं। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर से कुछ हासिल नहीं हुआ। ऑपरेशन सिंदूर में 18 लोग मारे गए और सीमाओं पर संकट आया। अब्दुल्ला ने आशा जताई कि भविष्य में ऐसा कोई ऑपरेशन नहीं होगा और दोनों देशों के संबंध सुधरें। उन्होंने याद दिलाया कि "दोस्त बदले जा सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं।"
उन्होंने कहा कि हत्यारे डॉक्टरों ने यह रास्ता क्यों अपनाया, इसे गंभीरता से जांचने की आवश्यकता है। फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर और देश के अधिकारियों से आग्रह किया कि विस्फोटक सामग्री के सुरक्षित प्रबंधन में विशेषज्ञों की मदद ली जानी चाहिए थी। उन्होंने बताया कि श्रीनगर के नवगाम पुलिस स्टेशन में हुए विस्फोट में नौ लोग मारे गए और आसपास के घरों को भी नुकसान हुआ।
पूर्व मुख्यमंत्री ने दिल्ली में हाल ही में हुए विस्फोट का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि विस्फोट में शामिल डॉक्टरों में से उमर मोहम्मद ने पुलिस कार्रवाई देखकर घबराहट में विस्फोट किया, जिससे 13 लोग मारे गए।
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अब्दुल्ला ने कहा कि जब तक देश में यह स्वीकार नहीं होगा कि कश्मीरी नागरिक भी भारतीय हैं और आतंकवादी नहीं, तब तक अफवाहें और दोषारोपण जारी रहेगा। उन्होंने जांच और अध्ययन की जरूरत पर जोर देते हुए अधिकारियों से उचित कदम उठाने का आग्रह किया।
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