एफबीआई निदेशक कश्यप पटेल पर सीनेट में टकराव, डेमोक्रेट्स-रिपब्लिकन आमने-सामने
सीनेट सुनवाई में एफबीआई निदेशक कश्यप पटेल को लेकर डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन में टकराव हुआ। डेमोक्रेट्स ने एजेंसी की साख गिराने का आरोप लगाया, जबकि रिपब्लिकन उनके समर्थन में खड़े रहे।
अमेरिकी सीनेट में हुई एक अहम सुनवाई के दौरान एफबीआई निदेशक कश्यप पटेल को लेकर डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन सांसदों के बीच तीखा टकराव देखने को मिला। यह सुनवाई संघीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों की भूमिका और विश्वसनीयता पर केंद्रित थी, जहां पटेल के नेतृत्व को लेकर गंभीर मतभेद सामने आए।
डेमोक्रेट सांसदों ने आरोप लगाया कि कश्यप पटेल ने एफबीआई जैसी प्रतिष्ठित संस्था की साख को कमजोर किया है। उनका कहना था कि पटेल के कार्यकाल में एजेंसी की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर सवाल उठे हैं, जिससे आम जनता का भरोसा प्रभावित हुआ है। एक डेमोक्रेट सांसद ने कहा कि “एफबीआई का काम राजनीतिक दबाव से मुक्त होना चाहिए, लेकिन मौजूदा नेतृत्व ने इसकी नींव हिला दी है।”
वहीं, रिपब्लिकन सांसद पूरी तरह पटेल के समर्थन में खड़े नजर आए। उनका कहना था कि पटेल एफबीआई को राजनीतिक पक्षपात से मुक्त करने और उसे जनता के करीब लाने की कोशिश कर रहे हैं। रिपब्लिकन नेताओं ने डेमोक्रेट्स पर आरोप लगाया कि वे केवल राजनीतिक स्वार्थ के चलते एफबीआई निदेशक को निशाना बना रहे हैं।
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इस बहस के दौरान पटेल ने भी अपना पक्ष रखते हुए कहा कि एजेंसी हमेशा कानून और संविधान के प्रति जवाबदेह है और उनके नेतृत्व में किसी भी तरह का पक्षपात नहीं किया गया है। उन्होंने दोहराया कि एफबीआई की प्राथमिकता अमेरिका की सुरक्षा और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करना है।
सीनेट की यह सुनवाई अमेरिकी राजनीति में गहराते ध्रुवीकरण की झलक मानी जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि एफबीआई जैसी संस्थाओं पर बढ़ते राजनीतिक हमले देश की कानून व्यवस्था और लोकतांत्रिक संस्थाओं पर विश्वास को चुनौती दे रहे हैं।
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