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हिमाचल प्रदेश में अचानक आई बाढ़ से ट्राउट मछली पालन पर खतरा, राहत पैकेज की मांग

हिमाचल प्रदेश में फ्लैश फ्लड से ट्राउट मछली पालन उद्योग को भारी नुकसान हुआ। मत्स्य विभाग ने ट्राउट किसानों को आपदा राहत मैनुअल में शामिल कर मुआवजा देने की मांग की।

हिमाचल प्रदेश में हाल ही में आई अचानक बाढ़ (फ्लैश फ्लड) ने न केवल जनजीवन को प्रभावित किया है, बल्कि राज्य की ट्राउट मछली पालन उद्योग को भी गंभीर खतरे में डाल दिया है। मत्स्य विभाग ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि ट्राउट मछली पालकों को आपदा राहत मैनुअल के अंतर्गत शामिल किया जाए, ताकि उन्हें आर्थिक सहायता और मुआवजा मिल सके।

जानकारी के अनुसार, बाढ़ की वजह से कई जिलों में ट्राउट फार्म को भारी नुकसान पहुंचा है। तेज बहाव के कारण बड़ी संख्या में मछलियाँ बह गईं और कई तालाब व संरचनाएं क्षतिग्रस्त हो गईं। इससे न केवल उत्पादन प्रभावित हुआ है, बल्कि किसानों की आय पर भी सीधा असर पड़ा है।

मत्स्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ट्राउट मछली पालन हिमाचल प्रदेश की पहाड़ी अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह उद्योग न केवल स्थानीय रोजगार प्रदान करता है, बल्कि राज्य के राजस्व में भी योगदान करता है। इसलिए आवश्यक है कि बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं में मछली पालकों को भी उसी तरह राहत दी जाए जैसे अन्य प्रभावित किसानों को दी जाती है।

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राज्य सरकार को भेजे गए प्रस्ताव में विभाग ने कहा है कि यदि ट्राउट फार्मर्स को आपदा राहत मैनुअल में शामिल किया जाए, तो उन्हें क्षति का आकलन कर उचित मुआवजा दिया जा सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण भविष्य में ऐसी आपदाएं बढ़ सकती हैं, इसलिए समय रहते संवेदनशील उद्योगों की सुरक्षा जरूरी है।

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