एफएमआर और म्यांमार सीमा बाड़बंदी पर बैठक बेनतीजा
नई दिल्ली में एफएमआर और म्यांमार सीमा बाड़बंदी पर बैठक बेनतीजा रही। नागा संगठनों ने सांस्कृतिक संबंधों पर असर की चिंता जताई, जबकि गृह मंत्रालय ने सभी पक्षों से संवाद का आश्वासन दिया।
मणिपुर की तीन नागा संगठनों के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने 26 अगस्त को नई दिल्ली में गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक की। यह बैठक भारत-म्यांमार सीमा पर फ्री मूवमेंट रेजीम (FMR) और सीमा बाड़बंदी के मुद्दे पर केंद्रित थी, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका।
प्रतिनिधिमंडल ने सरकार के सामने यह चिंता जताई कि एफएमआर को खत्म करने या सीमा पर बाड़बंदी करने से सीमा पार रहने वाले नागा समुदायों के सांस्कृतिक और पारिवारिक रिश्तों पर गहरा असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि भारत और म्यांमार के नागा जनजातियों के बीच लंबे समय से सामाजिक और सांस्कृतिक संबंध रहे हैं, जिन्हें सीमा नियंत्रण कड़े करने से नुकसान हो सकता है।
गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने नागा संगठनों को आश्वासन दिया कि उनकी चिंताओं पर गंभीरता से विचार किया जाएगा और सभी हितधारकों से बातचीत के बाद ही कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा। अधिकारियों ने यह भी कहा कि सीमा पर अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है, लेकिन इस दौरान स्थानीय समुदायों के हितों की भी अनदेखी नहीं की जाएगी।
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फ्री मूवमेंट रेजीम (FMR) भारत और म्यांमार के नागरिकों को 16 किलोमीटर तक बिना वीज़ा सीमा पार करने की अनुमति देता है। हाल ही में सीमा पार अवैध आवागमन और सुरक्षा चुनौतियों के मद्देनजर इस व्यवस्था को खत्म करने की मांग तेज हुई है।
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