झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन नजरबंद, भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आदिवासी प्रदर्शन तेज
भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आदिवासी आंदोलन के बीच झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन नजरबंद। उनके बेटे बाबूलाल सोरेन व समर्थकों को रांची जाते समय पुलिस ने हिरासत में लिया।
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को राज्य सरकार ने नजरबंद कर दिया है। यह कदम आदिवासियों के भूमि अधिग्रहण के खिलाफ हो रहे तीव्र विरोध प्रदर्शनों के मद्देनज़र उठाया गया है। पुलिस ने जानकारी दी कि चंपाई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन को भी समर्थकों के साथ रांची जाते समय हिरासत में ले लिया गया और उन्हें पुलिस थाने में रखा गया है।
सूत्रों के अनुसार, हाल के दिनों में राज्य के विभिन्न हिस्सों में आदिवासियों द्वारा भूमि अधिग्रहण के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि विकास परियोजनाओं के नाम पर उनकी जमीनें जबरन छीनी जा रही हैं और उन्हें उचित मुआवजा या पुनर्वास नहीं दिया जा रहा।
चंपाई सोरेन ने पहले भी इन परियोजनाओं का विरोध किया था और आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए राज्य सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश की थी। प्रशासन का कहना है कि उनके नजरबंद रहने से संभावित हिंसा या अशांति को रोका जा सकेगा।
पुलिस ने दावा किया कि यह कार्रवाई कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए की गई है। वहीं विपक्ष का कहना है कि सरकार जनविरोधी नीतियों के खिलाफ उठ रही आवाज़ों को दबाने की कोशिश कर रही है।
विश्लेषकों का मानना है कि यह घटनाक्रम राज्य की राजनीति को और गरमा सकता है तथा आदिवासी वोट बैंक पर इसका सीधा असर पड़ सकता है। स्थिति पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है और आने वाले दिनों में हालात और गंभीर हो सकते हैं।
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