मंत्री गणेश नाइक बोले — 10% अधिकारी अक्षम, जनसेवा को कर्तव्य समझें मजबूरी नहीं
मंत्री गणेश नाइक ने कहा कि 10% अधिकारी अक्षम हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि जनसेवा को कर्तव्य नहीं मानने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
महाराष्ट्र के मंत्री गणेश नाइक ने एक सार्वजनिक बैठक में प्रशासनिक तंत्र की कार्यशैली पर कड़ी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि राज्य में लगभग 10 प्रतिशत अधिकारी अक्षम हैं और अपने पद की जिम्मेदारी को ईमानदारी से नहीं निभा रहे हैं। नाइक ने कहा कि सरकारी सेवाओं में कार्यरत लोगों को जनसेवा को कर्तव्य समझना चाहिए, न कि मजबूरी।
थाणे में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि शासन-प्रशासन तभी प्रभावी हो सकता है जब अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा से निभाएं। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “हर विभाग में कुछ अधिकारी ऐसे हैं जो जनता की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लेते। ऐसे लोगों के कारण सरकार की छवि पर भी असर पड़ता है।”
गणेश नाइक ने कहा कि अधिकारियों को यह समझना होगा कि उनकी नियुक्ति जनता की सेवा के लिए हुई है, न कि केवल वेतन लेने के लिए। उन्होंने चेतावनी दी कि जो अधिकारी लापरवाही करेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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उन्होंने यह भी कहा कि जनता का प्रशासन पर विश्वास तभी बहाल होगा जब शिकायतों का त्वरित और प्रभावी समाधान किया जाए। मंत्री ने कर्मचारियों से आग्रह किया कि वे दफ्तरों में “सकारात्मक माहौल” बनाएं और जनता के साथ सहयोगी रवैया अपनाएं।
नाइक के इस बयान को प्रशासनिक जवाबदेही और दक्षता पर एक सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
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