मणिपुर कमांडो हत्याकांड में NIA केस में कुकी इंपी प्रवक्ता को गुवाहाटी HC ने जमानत दी
गुवाहाटी HC ने मणिपुर कमांडो हत्याकांड में NIA केस में कुकी इंपी प्रवक्ता को जमानत दी। अदालत ने NIA से दो FIR की जरूरत पर सवाल उठाए और तार्किकता पर ध्यान दिया।
गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने मणिपुर में कमांडो हत्याकांड से जुड़े राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के मामले में कुकी इंपी (Kuki Inpi) के प्रवक्ता को जमानत प्रदान की है। न्यायालय ने इस दौरान NIA से सवाल किया कि एक ही घटना के लिए दो अलग-अलग FIR क्यों दर्ज की गई।
सुनवाई के दौरान अदालत ने नोट किया कि कुकी समुदाय द्वारा इस हमले की योजना बनाई गई हो, जबकि मेइती संदिग्ध के साथ जुड़े होने की संभावना कम लगती है। न्यायालय ने कहा कि जांच एजेंसी को इस तथ्य पर ध्यान देना चाहिए कि आरोपों की तार्किकता और सबूतों की प्रामाणिकता पर आधारित कार्रवाई ही उचित होगी।
NIA ने प्रारंभिक आरोप में कहा था कि कुकी इंपी ने मणिपुर में सुरक्षा बलों पर हमला करने की योजना बनाई थी। हालांकि, अदालत ने इस दावे की संभावना पर सवाल उठाए और जमानत प्रदान करते हुए प्रवक्ता को गिरफ्तारी से राहत दी। अदालत ने यह भी कहा कि जांच एजेंसी को सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए निष्पक्ष और सटीक जांच करनी होगी।
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विशेषज्ञों का मानना है कि न्यायालय का यह निर्णय जांच एजेंसी की जांच प्रक्रिया में पारदर्शिता और न्यायिक संतुलन बनाए रखने का संकेत देता है। जमानत मिलने से कुकी इंपी प्रवक्ता को फिलहाल हिरासत से मुक्ति मिली है, जबकि मामले की जांच जारी रहेगी।
सामाजिक और राजनीतिक विश्लेषकों ने कहा कि मणिपुर के संवेदनशील इलाके में जातीय और राजनीतिक तनाव की पृष्ठभूमि में इस तरह के मामले की सुनवाई सावधानीपूर्वक की जानी चाहिए। अदालत का यह कदम न्यायिक प्रक्रिया में संतुलन और आरोपियों के अधिकारों की रक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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