ग़ाज़ा घोषणा पर हस्ताक्षर, हमास ने बंदियों को रिहा किया; अमेरिका, मिस्र, क़तर और तुर्की बने गारंटर
ग़ाज़ा घोषणा पर अमेरिका, मिस्र, क़तर और तुर्की ने हस्ताक्षर किए। हमास ने बंदियों की रिहाई शुरू की और इज़राइल ने सीमित युद्धविराम पर सहमति जताई।
मध्य पूर्व में जारी हिंसा और संघर्ष के बीच एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक विकास हुआ है। ग़ाज़ा घोषणा (Gaza Declaration) पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिसके तहत हमास ने बंदियों की रिहाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह समझौता क्षेत्र में शांति बहाली की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
इस समझौते को अमेरिका के राष्ट्रपति, मिस्र, क़तर और तुर्की के नेताओं ने गारंटर (guarantors) के रूप में समर्थन दिया है। इन देशों ने काहिरा में आयोजित बैठक के दौरान घोषणा पर हस्ताक्षर किए और यह सुनिश्चित करने का वादा किया कि सभी पक्ष समझौते की शर्तों का पालन करें।
ग़ाज़ा घोषणा के अनुसार, हमास ने अपने कब्जे में रखे नागरिक बंदियों को क्रमिक रूप से रिहा करने पर सहमति जताई है, जबकि इज़राइल ने मानवीय आधार पर सीमित युद्धविराम और राहत सामग्री की आपूर्ति की अनुमति दी है। इस घोषणा में यह भी उल्लेख है कि आने वाले सप्ताहों में दोनों पक्षों के बीच स्थायी युद्धविराम और पुनर्निर्माण पर वार्ता जारी रहेगी।
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अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस समझौते को “एक निर्णायक मानवीय सफलता” बताते हुए कहा कि यह क्षेत्र में दीर्घकालिक शांति की दिशा में शुरुआती कदम है। वहीं, मिस्र और क़तर ने संयुक्त बयान में कहा कि वे मध्यस्थता जारी रखेंगे ताकि सभी बंदियों की रिहाई और हिंसा की समाप्ति सुनिश्चित की जा सके।
हालांकि, कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह समझौता अस्थायी राहत जरूर देगा, लेकिन स्थायी समाधान तभी संभव है जब सभी पक्ष आपसी विश्वास और राजनीतिक संवाद को प्राथमिकता दें।
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