घाटकोपर होर्डिंग हादसा: जांच समिति ने आईपीएस अधिकारी, बीएमसी अधिकारी और ईगो मीडिया मालिक पर रची गई साज़िश का आरोप लगाया
घाटकोपर होर्डिंग हादसे की जांच रिपोर्ट में आईपीएस अधिकारी, बीएमसी अधिकारी और ईगो मीडिया मालिक को आपराधिक साज़िश का दोषी बताया गया। हादसे में 17 लोगों की मौत और कई घायल हुए।
मुंबई के घाटकोपर में मई 2024 में हुए भीषण होर्डिंग हादसे की जांच रिपोर्ट सामने आ गई है। इस दुर्घटना में 17 लोगों की मौत हुई थी और कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में इसे एक “आपराधिक साजिश” करार दिया है और इसके लिए तीन प्रमुख व्यक्तियों को जिम्मेदार ठहराया है।
रिपोर्ट के अनुसार, एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी, एक बीएमसी अधिकारी और ईगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के मालिक ने मिलकर अवैध और खतरनाक तरीके से विशालकाय होर्डिंग लगाने की साज़िश रची। समिति ने कहा कि इस हादसे के पीछे लापरवाही नहीं बल्कि सुनियोजित षड्यंत्र था, क्योंकि अनुमति लेने और सुरक्षा नियमों को दरकिनार कर जानबूझकर मुनाफा कमाने की कोशिश की गई थी।
होर्डिंग के लिए जमीन का आवंटन और तकनीकी स्वीकृति में कई अनियमितताएं पाई गईं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि संबंधित अधिकारियों ने कानूनी प्रावधानों की अनदेखी करते हुए होर्डिंग लगाने की इजाज़त दी और सुरक्षा चेतावनियों को नज़रअंदाज़ किया।
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इस हादसे के बाद महाराष्ट्र सरकार ने उच्च स्तरीय जांच समिति बनाई थी, जिसने विस्तृत जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला। समिति ने सिफारिश की है कि दोषियों के खिलाफ हत्या जैसे गंभीर धाराओं में आपराधिक मामला दर्ज किया जाए और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े नियम लागू किए जाएं।
यह रिपोर्ट सामने आने के बाद पीड़ित परिवारों ने न्याय की उम्मीद जताई है। वहीं विपक्ष ने सरकार और बीएमसी पर सवाल उठाए हैं कि किसके संरक्षण में इतनी बड़ी अनियमितता को अंजाम दिया गया।
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