घाटशिला की जंग: दो प्रमुख संथाली राजनीतिक परिवारों की नई पीढ़ी आमने-सामने, BJP और JMM ने उपचुनाव उम्मीदवारों की घोषणा की
घाटशिला उपचुनाव में BJP ने बाबूलाल सोरेन और JMM ने सोमेश चंद्र सोरेन को उम्मीदवार बनाया। दोनों प्रमुख संथाली राजनीतिक परिवारों की नई पीढ़ी आमने-सामने है।
झारखंड के घाटशिला उपचुनाव में दो प्रमुख संथाली राजनीतिक परिवारों की अगली पीढ़ी आमने-सामने आने वाली है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, जिससे चुनावी मुकाबला और भी रोचक हो गया है।
BJP ने पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन को उम्मीदवार बनाया है। बाबूलाल सोरेन को क्षेत्र में अच्छी पहचान और पार्टी की मजबूत रणनीति के साथ मैदान में उतारा गया है। उनका नाम लेने का उद्देश्य पार्टी की स्थिति मजबूत करना और संथाली मतदाताओं को अपने पक्ष में जोड़ना है।
वहीं, JMM ने दिवंगत विधायक रामदास सोरेन के बेटे सोमेश चंद्र सोरेन को उम्मीदवार घोषित किया है। रामदास सोरेन की मृत्यु के कारण यह उपचुनाव आयोजित किया जा रहा है। सोमेश चंद्र सोरेन को JMM के स्थानीय कार्यकर्ताओं और समर्थकों का भरपूर समर्थन प्राप्त है। पार्टी का मानना है कि उनका नाम लेना परिवार की विरासत और क्षेत्रीय मुद्दों में अनुभव का प्रतीक है।
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विशेषज्ञों का कहना है कि यह उपचुनाव घाटशिला क्षेत्र में राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित कर सकता है। दोनों उम्मीदवारों के बीच यह मुकाबला सिर्फ पार्टी का ही नहीं, बल्कि दो प्रमुख संथाली राजनीतिक परिवारों की नई पीढ़ी का टकराव भी माना जा रहा है।
चुनाव प्रचार के दौरान स्थानीय मुद्दों, विकास योजनाओं और समुदाय के हितों को प्रमुखता दी जा रही है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि परिणाम घाटशिला की राजनीति में अगले कई सालों के लिए दिशा तय कर सकते हैं।
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