समान काम, असमान वेतन: भारत में गिग कर्मचारियों के लिए वेतन अंतर जारी
भारत में गिग कर्मचारियों को समान काम के लिए स्थायी कर्मचारियों की तुलना में कम वेतन मिलता है। 47% प्रतिभागियों ने वेतन असमानता की पुष्टि की।
भारत में गिग वर्कर्स और स्थायी कर्मचारियों के बीच वेतन असमानता लगातार बनी हुई है। जीनियस एचआरटेक की रिपोर्ट के अनुसार, 1,550 पेशेवरों के सर्वे में लगभग 47% ने माना कि समान काम के लिए गिग कर्मचारियों को कम वेतन मिलता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, 11% प्रतिभागियों ने कहा कि गिग कर्मचारियों का वेतन स्थायी कर्मचारियों की तुलना में 10% कम है, 23% ने कहा कि यह 10-25% कम है और 13% ने बताया कि अंतर 25% से अधिक है। यह असमानता भारत की त्योहारी भर्ती के दौरान गिग कर्मचारियों की भूमिका और योगदान के बावजूद बरकरार है।
रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि 73% प्रतिभागियों का मानना है कि त्योहारी मौसम में गिग कर्मचारियों को समान काम के लिए स्थायी कर्मचारियों के बराबर प्रति घंटे वेतन मिलना चाहिए।
नियोक्ता अक्सर इस वेतन अंतर को लचीलापन और दीर्घकालिक लाभों की कमी से जोड़कर सही ठहराते हैं। 56% नियोक्ताओं ने लंबी अवधि के लाभ या दायित्व की अनुपस्थिति को मुख्य कारण बताया, 24% ने अल्पकालिक रोजगार अवधि और 10% ने कौशल या प्रशिक्षण में अंतर को हवाला दिया।
गिग कर्मचारियों के संतोष के लिए गैर-मौद्रिक लाभों में 43% ने कौशल विकास, 31% ने लचीले शिफ्ट, 13% ने परिवहन और भोजन सुविधाएं और 9% ने स्थायी रोजगार में संक्रमण के अवसरों को प्राथमिकता दी।
जीनियस एचआरटेक के चेयरमैन आर. पी. यादव ने कहा, "समान काम के लिए समान वेतन का सिद्धांत केवल स्थायी अनुबंधों तक सीमित नहीं होना चाहिए। उचित पारिश्रमिक, कौशल विकास और पारदर्शिता से ही प्रेरित और भविष्य के लिए तैयार गिग वर्कफोर्स तैयार होगी।"
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