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गोवा नाइटक्लब अग्निकांड: भू-मालिक का आरोप — बिना सूचना जमीन का ज़ोन बदल दिया गया

गोवा नाइटक्लब अग्निकांड के बाद जमीन मालिक ने आरोप लगाया कि उनकी भूमि का ज़ोन चुपचाप बदला गया। 21 साल से चल रहे कानूनी विवाद के बीच मामला फिर से गंभीर हुआ।

गोवा के अरपोरा गांव स्थित ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ नाइटक्लब में आग लगने की घटना के बाद अब जमीन के मालिकाना हक और ज़ोन परिवर्तन को लेकर विवाद गहरा गया है। प्रदीप घाड़ी अमोनकर, जो खुद को इस भूमि का मूल मालिक बताते हैं, ने आरोप लगाया है कि उनकी जमीन का एक हिस्सा चुपचाप “सॉल्ट पैन” से “सेटेलमेंट ज़ोन” में बदल दिया गया, ताकि नाइटक्लब को फायदा मिल सके।

अमोनकर ने बताया कि वर्ष 2004 में उन्होंने सुरिंदर कुमार खोसला के साथ जमीन बेचने का एक समझौता किया था, लेकिन भुगतान न मिलने पर छह महीने के भीतर यह समझौता रद्द कर दिया गया। इसके बावजूद, खोसला ने भूमि पर नाइटक्लब स्थापित कर दिया और बाद में यह जगह गौरव और सौरभ लूथरा द्वारा संचालित ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ के अधीन आ गया।

6 दिसंबर की आधी रात को नाइटक्लब में आग लगने से 25 लोगों की मौत हो गई, जिनमें से अधिकांश कर्मचारी और कुछ पर्यटक थे।

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अमोनकर ने कहा कि वह पिछले 21 वर्षों से अपनी जमीन वापस पाने के लिए न्यायालय में लड़ाई लड़ रहे हैं। इसी कानूनी प्रक्रिया के दौरान उन्हें हाल ही में पता चला कि उनकी जमीन के ज़ोन में बदलाव कर दिया गया है। उनके अनुसार न तो कोई नोटिस दिया गया और न ही कोई आधिकारिक जानकारी।

उन्होंने सवाल उठाया कि “एक सॉल्ट पैन को आखिर बिना अनुमति कैसे सेटेलमेंट ज़ोन में बदला जा सकता है?” अमोनकर ने यह “ज़ोन परिवर्तन” 11 दिसंबर, 2025 को तब पाया जब वे नाइटक्लब अग्निकांड से संबंधित दस्तावेज़ उच्च न्यायालय में जमा करने की तैयारी कर रहे थे।

गोवा टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मामले की जांच जारी है, इसलिए इस समय अमोनकर के आरोपों पर प्रतिक्रिया उचित नहीं होगी।

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