ग्रैविस ग्रुप विवाद: मरीन ड्राइव पुलिस ने एफआईआर से किया इनकार, घई परिवार का झगड़ा बताया दीवानी मामला
होटल इंटरकांटिनेंटल के मालिक रवि घई ने बेटे गौरव पर हस्ताक्षर जालसाजी का आरोप लगाया। मरीन ड्राइव पुलिस ने इसे दीवानी मामला बताते हुए एफआईआर दर्ज करने से इनकार किया।
मुंबई: मरीन ड्राइव पुलिस ने घई परिवार के अंदर चल रहे संपत्ति विवाद को दीवानी (सिविल) मामला मानते हुए एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया है। यह विवाद ग्रैविस ग्रुप के संस्थापक रवि घई और उनके बेटे गौरव घई के बीच चल रहा है। ग्रैविस ग्रुप होटल इंटरकांटिनेंटल (मरीन ड्राइव), क्वालिटी रेस्टोरेंट्स और बास्किन रॉबिंस जैसे ब्रांड्स का मालिक है।
82 वर्षीय रवि घई ने आरोप लगाया है कि उनके बेटे गौरव और बहू सुमिता ने उनका भरोसा तोड़ते हुए उनके हस्ताक्षरों का दुरुपयोग किया। उन्होंने कहा कि अगस्त 2023 में, जब वे विदेश में कैंसर का इलाज करवा रहे थे, तब गौरव ने एक पारिवारिक समझौते के पूरक दस्तावेज़ पर उनके जाली हस्ताक्षर करवा लिए।
रवि ने दावा किया कि गौरव और सुमिता ने सालों से "व्यवसाय से जुड़ी औपचारिकताओं" के नाम पर उनसे दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कराए, जिनका बाद में दुरुपयोग करके गौरव ने कंपनी पर पूरी तरह नियंत्रण स्थापित कर लिया। रवि के अनुसार, उन्होंने गौरव को उसके 50वें जन्मदिन पर ग्रैविस ग्रुप की 49% हिस्सेदारी उपहार में दी थी। लेकिन जनवरी 2025 में उन्हें पता चला कि गौरव ने खुद को चेयरमैन घोषित कर दिया और उनका मासिक खर्च भी बंद कर दिया।
रवि का कहना है कि जिन दस्तावेजों के आधार पर यह सब हुआ, उनमें उनके हस्ताक्षर जाली थे, और यह बात एक फॉरेंसिक विशेषज्ञ ने भी पुष्टि की है। गौरव ने आरोपों से साफ इनकार किया है। पुलिस ने इस पारिवारिक विवाद को आपराधिक नहीं, बल्कि दीवानी मामला माना है।