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महामंदी में फंसी भारतीय IT इंडस्ट्री: जब इंजीनियर के पास भी नौकरी नहीं

बेंगलुरु, पुणे और हैदराबाद में हजारों इंजीनियर नौकरी की तलाश में हैं। AI के प्रभाव और गिरते एंट्री-लेवल अवसरों ने युवा पीढ़ी के आईटी सपनों को झटका दिया है।

बेंगलुरु, हैदराबाद और पुणे जैसे तकनीकी शहरों में पीजी होस्टल अब बेरोजगार इंजीनियरों से भरे पड़े हैं — कोडर्स जो कभी अपने IT करियर के सपनों को लेकर आशावान थे, आज जॉब पोर्टल्स पर स्क्रॉल करते हुए सोच रहे हैं: हमसे क्या चूक हुई?

यह एक पूरी पीढ़ी की कहानी है जो ऐसे करियर की सीढ़ी चढ़ना चाहती थी, जो अब आसमान तक नहीं जाती। IT सेक्टर में एंट्री-लेवल नौकरियों की भारी कमी महसूस की जा रही है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जनक माने जाने वाले जियोफ्री हिन्टन ने हाल ही में चेतावनी दी कि AI के आगमन के साथ टेक इंडस्ट्री में शुरुआती स्तर की नौकरियां तेजी से खत्म हो रही हैं। उन्होंने मज़ाकिया अंदाज़ में, लेकिन गंभीरता के साथ, कहा कि भविष्य को सुरक्षित करने के लिए प्लंबिंग जैसी व्यावहारिक और ऑटोमेशन से दूर नौकरियों पर भी ध्यान देना चाहिए।

प्लंबिंग यहाँ प्रतीक है — यह सुझाव है कि करियर सिर्फ डिजिटल नहीं, फिजिकल, वास्तविक समस्याओं को हल करने वाले भी हो सकते हैं।

यह लेख सिर्फ एक कॉलम नहीं, बल्कि चेतावनी है — विशेष रूप से उन युवाओं के लिए जो तकनीकी करियर के सपने देख रहे हैं या नौकरी के बाजार में प्रवेश की तैयारी में हैं।

बदलते समय में जहां AI तेजी से मानव कार्यक्षमता की जगह ले रहा है, युवाओं को नए कौशल, लचीलापन और व्यावहारिकता के साथ अपने करियर की दिशा पुनः तय करनी होगी।

 
 
 
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