इस वर्ष नहीं होगा ग्रामजीवन पदयात्रा, गुजरात विद्यापीठ नवम्बर में आयोजित करेगा स्वावलंबन यात्रा
गुजरात विद्यापीठ इस वर्ष ग्रामजीवन पदयात्रा नहीं करेगा। इसके बजाय नवम्बर में ‘स्वावलंबन यात्रा’ आयोजित की जाएगी, जो छात्रों और गाँवों तक पहुँच बनाने पर केंद्रित होगी।
गुजरात विद्यापीठ ने इस वर्ष परंपरागत ‘ग्रामजीवन पदयात्रा’ आयोजित नहीं करने का निर्णय लिया है। इसके बजाय विश्वविद्यालय ‘स्वावलंबन यात्रा’ का आयोजन नवम्बर में करेगा। इसका उद्देश्य अधिक से अधिक छात्रों और गाँवों तक विश्वविद्यालय की पहुँच बनाना है।
विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने बताया कि स्वावलंबन यात्रा में छात्रों को शिक्षा, ग्रामीण विकास, सामाजिक जागरूकता और स्वरोजगार के अवसर के बारे में जानकारी दी जाएगी। यात्रा का मुख्य लक्ष्य यह है कि विद्यार्थियों को समाज सेवा और आत्मनिर्भरता की भावना से जोड़ा जाए।
इस यात्रा के दौरान विश्वविद्यालय के शिक्षक और छात्र दल गाँव-गाँव जाकर लोगों के साथ संवाद करेंगे। इसके अलावा, छात्रों को शैक्षणिक गतिविधियों, कार्यशालाओं और स्थानीय मुद्दों पर चर्चा में भाग लेने का अवसर मिलेगा। यह कदम गुजरात विद्यापीठ की शिक्षा और समाज सेवा के प्रति प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।
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अधिकारियों ने कहा कि स्वावलंबन यात्रा का स्वरूप अधिक व्यापक और समग्र होगा, ताकि छात्र और ग्रामीण समुदाय दोनों इसका लाभ उठा सकें। पिछले वर्षों में आयोजित ग्रामजीवन पदयात्रा की तुलना में यह पहल छात्रों और ग्रामीणों के बीच सशक्त संपर्क और व्यावहारिक अनुभव प्रदान करेगी।
विश्वविद्यालय ने कहा कि नवम्बर में होने वाली इस यात्रा में शामिल सभी कार्यक्रमों और गतिविधियों की विस्तृत जानकारी जल्द ही जारी की जाएगी।
यह कदम गुजरात विद्यापीठ की सामाजिक उत्तरदायित्व और शिक्षा के माध्यम से ग्रामीण समाज के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।
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