गुजरात में स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण संपत्ति प्रमाणपत्र अब पूरी तरह निशुल्क
गुजरात सरकार ने स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण आवासीय संपत्तियों के लिए ₹200 शुल्क माफ किया। अब गांवों में रहने वाले लोगों को संपत्ति प्रमाणपत्र निशुल्क मिलेंगे।
गुजरात सरकार ने 21 जुलाई, 2025 को एक बड़ा फैसला लेते हुए स्वामित्व योजना (SVAMITVA Yojana) के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में आवासीय संपत्तियों के लिए दिए जाने वाले संपत्ति स्वामित्व प्रमाणपत्र (Sanad) को अब पूरी तरह निशुल्क कर दिया है।
अब तक इन प्रमाणपत्रों के लिए ₹200 का शुल्क भू-राजस्व अधिनियम, 1879 के तहत लिया जाता था, जिसे मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अब पूरी तरह माफ कर दिया है। इस फैसले का उद्देश्य गांवों में रहने वाले गरीब, छोटे और मध्यम वर्गीय भूस्वामियों को राहत देना और दस्तावेज़ीकरण की प्रक्रिया को सरल बनाना है।
गौरतलब है कि स्वामित्व योजना केंद्र सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसके अंतर्गत ड्रोन सर्वेक्षण के माध्यम से ग्रामीण संपत्तियों की मैपिंग कर उन्हें डिजिटल रिकॉर्ड में लाया जाता है। योजना के तहत पहले से ही संपत्ति कार्ड की पहली प्रति निशुल्क दी जाती थी, लेकिन अब संवाद (Sanad) प्राप्त करने पर लगने वाला शुल्क भी समाप्त कर दिया गया है।
राज्य सरकार का यह कदम डिजिटल संपत्ति अधिकारों के सशक्तिकरण की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इससे स्वामित्व की वैधानिकता बढ़ेगी और ग्रामीण संपत्तियों को कानूनी पहचान मिलने से बैंकिंग व ऋण सुविधाएं भी सुलभ होंगी।
सरकार का मानना है कि यह पहल गांवों में आर्थिक सशक्तिकरण और पारदर्शिता को भी बढ़ावा देगी।