एचएएल और रूस के बीच एसजे-100 विमान निर्माण समझौता, स्टॉक में दिखेगी नई उड़ान
एचएएल ने रूस के साथ एसजे-100 विमान निर्माण समझौता किया। तेजस डिलीवरी और मजबूत ऑर्डर बुक कंपनी की वृद्धि में अहम भूमिका निभाएंगे। उड़ान योजना को भी लाभ मिलेगा।
हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) आने वाले समय में निवेशकों के लिए एक मजबूत विकल्प साबित हो सकता है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के अनुसार, कंपनी के शेयरों की दिशा भविष्य में तेजस विमान की डिलीवरी और मैन्युफैक्चरिंग ऑर्डर बुक के निष्पादन पर निर्भर करेगी। ये दोनों कारक कंपनी के राजस्व और मुनाफे को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएंगे।
एचएएल ने हाल ही में रूस की यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन (UAC) के साथ मॉस्को में एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के तहत भारत में एसजे-100 सिविल कम्यूटर एयरक्राफ्ट का उत्पादन किया जाएगा। यह ट्विन-इंजन, नैरो-बॉडी विमान है, जो पहले से ही 16 अंतरराष्ट्रीय एयरलाइनों में 200 से अधिक यूनिट्स के साथ संचालन में है।
यह साझेदारी भारत की उड़ान (UDAN) योजना को नया प्रोत्साहन देगी, जिससे देश में कम दूरी की हवाई सेवाओं (short-haul connectivity) में सुधार होगा। इससे न केवल घरेलू विमानन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि भारत को वैश्विक विमान निर्माण के क्षेत्र में नई पहचान मिलेगी।
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विशेषज्ञों का कहना है कि यह समझौता एचएएल की रणनीतिक स्थिति को मजबूत करेगा और देश में स्वदेशी विनिर्माण (Make in India) अभियान को गति देगा। कंपनी का ध्यान रक्षा और नागरिक विमानन दोनों क्षेत्रों में अपने उत्पादन नेटवर्क को विस्तारित करने पर है, जिससे दीर्घकालिक निवेशकों को लाभ हो सकता है।
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