60 लाख रुपये और टूटा सपना: अमेरिकी निर्वासन से जूझते हरियाणा के परिवार
अवैध रास्ते से अमेरिका गए हरियाणा के 50 युवाओं को निर्वासित कर लौटाया गया। करोड़ों रुपये खर्च करने वाले परिवार अब टूटे सपनों और आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं।
अमेरिका से हाल ही में निर्वासित किए गए हरियाणा के करीब 50 युवाओं के परिवार अब टूटे हुए सपनों और भारी आर्थिक नुकसान के बीच नई शुरुआत की कोशिश कर रहे हैं। जिन परिवारों ने अपने बेटों को बेहतर भविष्य की तलाश में विदेश भेजा था, वे अब राहत महसूस कर रहे हैं कि लंबी हिरासतों के बाद उनके प्रियजन सुरक्षित लौट आए हैं, भले ही उनकी मेहनत और पैसे दोनों व्यर्थ चले गए।
इन युवाओं में करनाल जिले के सिगोहा गांव के गदरिया समुदाय से आने वाले राजन पाल भी शामिल हैं। राजन के परिवार ने उसे अमेरिका भेजने के लिए करीब 60 लाख रुपये खर्च किए। वे “डंकी रूट” के जरिये अमेरिका पहुंचे, जो अवैध प्रवास का खतरनाक रास्ता है।
राजन ने दुबई, कोलंबिया, पनामा और मेक्सिको होते हुए लगभग छह महीने की कठिन यात्रा तय की और 2 दिसंबर 2024 को अमेरिका पहुंचे। लेकिन वहां पहुंचते ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और लगभग 11 महीने तक हिरासत में रखा गया। हाल ही में उन्हें भारत वापस भेज दिया गया।
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उनके परिवार ने बताया कि वे अमेरिका में काम करके कर्ज चुकाने और घर बनाने का सपना लेकर गए थे, लेकिन अब वे पूरी तरह से टूट चुके हैं। राजन के पिता ने कहा, “हमने सब कुछ दांव पर लगा दिया था। अब सिर्फ यह सुकून है कि बेटा जिंदा लौट आया।”
हरियाणा के अन्य परिवार भी इसी स्थिति से गुजर रहे हैं, जिन्होंने अपने बच्चों को अमेरिका भेजने के लिए अपनी जमीनें और गहने बेच दिए थे। अब वे आर्थिक रूप से कमजोर हो चुके हैं और फिर से जीवन पटरी पर लाने की कोशिश कर रहे हैं।
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