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सतलोक आश्रम प्रमुख रामपाल की उम्रकैद की सजा पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

हाईकोर्ट ने सतलोक आश्रम प्रमुख रामपाल की उम्रकैद की सजा पर रोक लगाई। 2018 में हत्या, अवैध हिरासत और साजिश के मामलों में उन्हें दोषी ठहराया गया था।

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सतलोक आश्रम प्रमुख रामपाल की उम्रकैद की सजा पर रोक लगा दी है। रामपाल को वर्ष 2018 में हिसार की एक अदालत ने दो अलग-अलग मामलों में दोषी ठहराया था। ये मामले हत्या, अवैध हिरासत और आपराधिक साजिश से जुड़े थे। अदालत ने उस समय रामपाल और उनके कई अनुयायियों को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

यह मामला वर्ष 2014 से जुड़ा है, जब सतलोक आश्रम, हिसार में पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई के दौरान झड़प हुई थी। इस दौरान आश्रम के अंदर मौजूद कई लोगों की मौत हो गई थी और बड़ी संख्या में अनुयायी फंसे रह गए थे। प्रशासन ने आश्रम में अवैध गतिविधियों और अनुयायियों की जबरन कैद के आरोप लगाए थे। इसी आधार पर हत्या और अन्य गंभीर धाराओं में मामले दर्ज किए गए थे।

2018 में निचली अदालत ने सुनवाई पूरी कर रामपाल और उनके समर्थकों को दोषी पाया। इसके बाद उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई। हालांकि, रामपाल की ओर से हाईकोर्ट में अपील दायर की गई, जिसमें कहा गया कि उन्हें झूठे मामलों में फंसाया गया है और पर्याप्त सबूतों की कमी है।

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हाईकोर्ट ने अब इस मामले की आगे की सुनवाई तक उनकी सजा पर रोक लगाते हुए उन्हें अंतरिम राहत दी है। कोर्ट का यह निर्णय रामपाल के समर्थकों के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है, जबकि मृतकों के परिवारों और विपक्षी पक्षों ने इस फैसले पर असंतोष जताया है।

इस मामले की अगली सुनवाई में अदालत यह तय करेगी कि दोषसिद्धि को बरकरार रखा जाए या रामपाल को पूर्ण रूप से राहत दी जाए।

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