क्या तेज़ रफ्तार के लिए बनी सड़कें सुरक्षित हैं? हैदराबाद आउटर रिंग रोड पर लगातार बढ़ते हादसे
हैदराबाद आउटर रिंग रोड पर इस वर्ष 30 से ज़्यादा मौतें और पांच वर्षों में 369 मौतें हुईं। अधिकतर हादसे तेज़ रफ्तार, खराब लेन अनुशासन और ड्राइवर प्रशिक्षण की कमी से हुए।
हैदराबाद की आउटर रिंग रोड (ORR), जिसे आधुनिक यातायात और तेज़ रफ्तार यात्रा के प्रतीक के रूप में देखा जाता है, अब एक गंभीर सड़क सुरक्षा संकट का केंद्र बनती जा रही है। वर्ष 2025 में अब तक इस सड़क पर 30 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि पिछले पांच वर्षों में कुल 369 मौतें दर्ज की गई हैं।
सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, इन दुर्घटनाओं के अधिकतर कारण रोके जा सकने वाले हैं, जैसे तेज़ गति से वाहन चलाना, लेन अनुशासन की कमी, सड़क किनारों (शोल्डर) का गलत उपयोग और ड्राइवरों को उचित प्रशिक्षण न मिलना।
तेज़ गति के लिए डिज़ाइन की गई यह सड़क संरचना कई जगहों पर सुरक्षा मानकों से समझौता करती दिख रही है। उदाहरणस्वरूप, कई स्थानों पर चेतावनी संकेतों की कमी है, सड़क की रोशनी अपर्याप्त है और आपातकालीन प्रतिक्रिया व्यवस्था कमजोर है। इसके अतिरिक्त, भारी वाहन अक्सर निर्धारित लेन का पालन नहीं करते, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना और बढ़ जाती है।
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विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक सख्त गति नियंत्रण, लेन आधारित निगरानी, सड़क इंजीनियरिंग में सुधार और ड्राइवरों के लिए अनिवार्य प्रशिक्षण लागू नहीं किया जाता, तब तक ऐसी सड़कें मौत के गलियारे बनती रहेंगी।
ORR जैसे हाई-स्पीड कॉरिडोरों को केवल गति नहीं, बल्कि सुरक्षा के मानकों के अनुरूप भी डिज़ाइन और क्रियान्वित किया जाना चाहिए, ताकि यह सुविधा जानलेवा न साबित हो।
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