वायु सेना को मिलेगा पहला तेजस Mk1A लड़ाकू विमान, जो विमानों की कमी को पूरा करेगा
भारतीय वायु सेना को पहला तेजस Mk1A लड़ाकू विमान मिलने वाला है, जो विमानों की कमी को पूरा करेगा और वायु सेना की संचालन क्षमता को मजबूत बनाएगा।
भारतीय वायु सेना (IAF) जल्द ही अपने पहले तेजस Mk1A लड़ाकू विमान को प्राप्त करने के लिए तैयार है। यह विमान वायु सेना की बढ़ती आवश्यकताओं और मौजूदा लड़ाकू विमानों की कमी को पूरा करने में अहम भूमिका निभाएगा।
IAF के कई लड़ाकू स्क्वाड्रनों में पिछले कुछ वर्षों से विमानों की कमी महसूस की जा रही है। पुराने विमानों की सेवा अवधि पूरी हो चुकी है और कई हवाई जहाजों की उन्नयन प्रक्रिया लंबित है। ऐसे में तेजस Mk1A का शामिल होना वायु सेना की क्षमता और संचालन में सुधार लाएगा।
तेजस Mk1A भारत द्वारा विकसित हल्के बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान है, जिसे स्वदेशी रूप से तैयार किया गया है। इसमें आधुनिक एवियोनिक्स, राडार सिस्टम और हथियार प्रणाली का उपयोग किया गया है। Mk1A संस्करण में Mk1 की तुलना में कई सुधार किए गए हैं, जैसे बेहतर रेंज, उच्च पेलोड क्षमता और उन्नत लड़ाकू तकनीक।
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वायु सेना के अधिकारी मानते हैं कि तेजस Mk1A न केवल मौजूदा फ्लीट में कमी को पूरा करेगा, बल्कि भविष्य के अभियानों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इससे भारत की हवाई शक्ति को मजबूती मिलेगी और सीमाओं पर तैनाती में लचीलापन बढ़ेगा।
IAF के लिए यह विमान स्वदेशी निर्माण और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। तेजस Mk1A की तैनाती से भारतीय वायु सेना को आधुनिक और सक्षम लड़ाकू क्षमता मिलेगी, जिससे सुरक्षा और सामरिक तैयारियों में सुधार होगा।
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