इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस ‘एट होम’ कार्यक्रम में दिखेगा पूर्वी भारत की शिल्पकला का रंग
इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस ‘एट होम’ कार्यक्रम में पूर्वी भारत की पारंपरिक शिल्पकला को प्रदर्शित किया जाएगा। आमंत्रण पत्र चार राज्यों के शिल्पकारों द्वारा निर्मित होंगे।
इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले ‘एट होम’ समारोह में पूर्वी भारत की पारंपरिक शिल्पकला की विशेष झलक देखने को मिलेगी। यह आयोजन राष्ट्रपति भवन में 15 अगस्त को होता है, जहां गणमान्य अतिथियों को आमंत्रित किया जाता है।
इस बार आमंत्रण पत्रों की विशेषता यह होगी कि इन्हें पूर्वी भारत के चार राज्यों—बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल—के शिल्पकारों के सहयोग से तैयार किया गया है। इन शिल्पकारों की कलाकृतियों को राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (National Institute of Design - NID) द्वारा सजाया-संवारा गया है ताकि ये निमंत्रण पत्र सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक बन सकें।
हर राज्य की हस्तकला—जैसे मधुबनी (बिहार), डोकरा कला (झारखंड), पटचित्र (ओडिशा) और कांथा कढ़ाई (पश्चिम बंगाल)—को आमंत्रण पत्रों की डिज़ाइन में शामिल किया गया है। इसका उद्देश्य भारत की विविधता और शिल्प परंपरा को सम्मान देना है।
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राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान के विशेषज्ञों ने इन कलाओं को समकालीन डिजाइन के साथ मिलाकर आकर्षक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध निमंत्रण पत्र तैयार किए हैं। इससे न केवल भारत की कलात्मक विरासत को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय शिल्पकारों को भी राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी।
सरकार की यह पहल 'वोकल फॉर लोकल' और 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान के तहत शिल्प और कारीगरों को समर्थन देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
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