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भारत में वायु प्रदूषण संकट अब दिमाग और शरीर पर पूर्ण हमला: कांग्रेस

भारत में वायु प्रदूषण केवल श्वसन रोग नहीं, बल्कि दिमाग और शरीर पर हमला बन गया। कांग्रेस ने NCAP और NAAQS के सुधार की मांग की।

कांग्रेस ने रविवार (26 अक्टूबर, 2025) को कहा कि भारत में वायु प्रदूषण अब केवल श्वसन संबंधी समस्या नहीं रह गई है, बल्कि यह हमारे दिमाग और शरीर पर पूर्ण हमला बन गया है। पार्टी ने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) में व्यापक सुधार और राष्ट्रीय परिवेश वायु गुणवत्ता मानक (NAAQS) को तुरंत अपडेट करने की आवश्यकता जताई।

कांग्रेस महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने कहा कि वायु प्रदूषण सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए आपदा और समाज, स्वास्थ्य प्रणाली तथा भविष्य की कार्यशक्ति के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा खतरा है। उन्होंने बताया कि 2023 में भारत में लगभग 20 लाख मौतें वायु प्रदूषण से जुड़ी थीं, जो 2000 की तुलना में 43% अधिक हैं। इनमें से लगभग 90% मौतें हृदय रोग, फेफड़ों का कैंसर, डायबिटीज और अब डिमेंशिया जैसी गैर-संचारी बीमारियों (NCDs) के कारण हुईं।

रमेश ने कहा कि भारत में प्रति 100,000 लोगों पर लगभग 186 वायु प्रदूषण से मौतें होती हैं, जो उच्च आय वाले देशों के मुकाबले दस गुना अधिक है। वायु प्रदूषण लगभग 70% COPD मौतों, 33% फेफड़ों के कैंसर, 25% हृदय रोग और 20% डायबिटीज मौतों के लिए जिम्मेदार है। PM2.5 कणों के संपर्क से मस्तिष्क को नुकसान और संज्ञानात्मक गिरावट भी होती है। 2023 में वैश्विक स्तर पर लगभग 6,26,000 डिमेंशिया मौतें वायु प्रदूषण से जुड़ी थीं।

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रमेश ने चेताया कि वर्तमान PM2.5 मानक WHO निर्देशों के मुकाबले आठ गुना वार्षिक और चार गुना 24 घंटे की सीमा है। NCAP के लॉन्च के बावजूद प्रदूषण बढ़ रहा है और अब हर भारतीय ऐसे क्षेत्र में रहता है जहां PM2.5 स्तर WHO निर्देशों से अधिक है। उन्होंने NCAP और NAAQS को तुरंत अपडेट करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

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