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प्री-स्कूल से पीएचडी तक: भारत-ऑस्ट्रेलिया शिक्षा साझेदारी का विस्तार, नया कैंपस मंज़ूर

भारत और ऑस्ट्रेलिया ने शिक्षा साझेदारी के तहत UNSW को कैंपस मंजूरी दी, कई नए MoUs पर हस्ताक्षर हुए। प्री-स्कूल से पीएचडी तक सहयोग बढ़ेगा, शोध और कौशल विकास पहलें तेज़ होंगी।

भारत और ऑस्ट्रेलिया ने शिक्षा, कौशल विकास और अनुसंधान के क्षेत्र में अपनी साझेदारी को उल्लेखनीय रूप से विस्तृत करते हुए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। सोमवार को भारत सरकार ने ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स (UNSW) को देश में अपना कैंपस स्थापित करने के लिए इरादा पत्र (LoI) जारी किया। यह मंजूरी नई दिल्ली में आयोजित तीसरी ऑस्ट्रेलिया-भारत शिक्षा एवं कौशल परिषद (AIESC) बैठक का प्रमुख परिणाम रही।

बैठक की सह-अध्यक्षता केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और ऑस्ट्रेलियाई शिक्षा मंत्री जेसन क्लेयर ने की। मंत्री प्रधान ने कहा कि यह साझेदारी प्री-स्कूल से लेकर पीएचडी तक व्यापक सहयोग का आधार तैयार करती है। उन्होंने बाल्यावस्था शिक्षा, शिक्षक प्रशिक्षण और ऑस्ट्रेलिया में CBSE स्कूलों की बढ़ती मांग को महत्वपूर्ण क्षेत्र बताया। उन्होंने खेल क्षेत्र में सहयोग को भी रेखांकित किया, जिसे भारत की 2036 ओलंपिक बोली और ऑस्ट्रेलिया की 2032 ब्रिस्बेन तैयारियों से जोड़ा गया।

UNSW को मंजूरी मिलने के साथ अब सात ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों को भारत में आठ कैंपस संचालित करने की अनुमति मिल चुकी है, जिससे यह भारत के विदेशी विश्वविद्यालय ढांचे के तहत सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय शिक्षा भागीदार बन गया है।

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बैठक में कई महत्वपूर्ण MoUs और LoIs पर हस्ताक्षर हुए, जिनमें शामिल हैं:

  • CBSE के ECCE पाठ्यक्रम और ऑस्ट्रेलिया के Certificate III in ECEC का संरेखण
  • ओडिशा में जेम्स कुक यूनिवर्सिटी के साथ मरीन इकोलॉजिकल रिसर्च सेंटर
  • खनन स्वचालन और लॉजिस्टिक्स पर UWA, IIM मुंबई और IIT धनबाद के बीच सहयोग
  • IIT रुड़की और डीकिन यूनिवर्सिटी के साथ आपदा लचीलापन केंद्र
  • वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी के साथ एग्रीटेक अनुसंधान
  • उत्तर प्रदेश में मोनाश यूनिवर्सिटी के साथ टीचिंग एक्सीलेंस अकादमी

SPARC योजना के तहत ₹9.84 करोड़ की दस नई संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं की भी घोषणा हुई, जिनमें AI, क्वांटम, मेडटेक, ऊर्जा और स्मार्ट मोबिलिटी जैसे क्षेत्रों को शामिल किया गया है।

मंत्री जेसन क्लेयर ने कहा कि भारत-ऑस्ट्रेलिया शिक्षा साझेदारी "वैश्विक स्तर पर अद्वितीय" है और दोनों देशों के बीच भरोसा लगातार मजबूत हो रहा है। अगली AIESC बैठक ऑस्ट्रेलिया में आयोजित की जाएगी।

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