UNGA सप्ताह में भारत ने ग्लोबल साउथ के साथ अपने संबंधों पर दिया संकेत
भारत ने UNGA सप्ताह के दौरान ग्लोबल साउथ देशों के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने का संकेत दिया। अमेरिका से तनाव और इज़राइल पर रुख में बदलाव इस संकेत को स्पष्ट करते हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) सप्ताह के दौरान भारत ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि वह ग्लोबल साउथ देशों के साथ अपने संबंधों को पुनर्संतुलित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर की UNGA साइडलाइन बैठकों और भारत के राजनीतिक रुख में हालिया बदलाव इस दिशा की पुष्टि करते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि भारत और अमेरिका के बीच हाल के तनाव और इज़राइल के प्रति आलोचनात्मक रुख में बदलाव इस संकेत का हिस्सा हैं। भारत अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अधिक संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की कोशिश कर रहा है, जो विकासशील देशों के साथ सहयोग और साझा हितों को प्राथमिकता देता है।
जयशंकर ने UNGA साइडलाइन पर कई देशों के विदेश मंत्रियों और नेताओं के साथ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय वार्तालाप किए। इन बैठकों में भारत ने विकासशील देशों के आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक हितों पर ध्यान देने और वैश्विक मंचों पर उनकी आवाज़ को मजबूत करने का संकेत दिया।
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विश्लेषकों के अनुसार, यह बदलाव केवल कूटनीतिक रुख तक सीमित नहीं है, बल्कि वैश्विक दक्षिण के देशों के साथ रणनीतिक और आर्थिक साझेदारी को भी बढ़ावा देगा। भारत अपनी विदेश नीति में अधिक बहुपक्षीय दृष्टिकोण अपनाते हुए वैश्विक मंचों पर विकासशील देशों की भूमिका को उजागर करना चाहता है।
UNGA सप्ताह में भारत का यह रुख यह दर्शाता है कि देश वैश्विक राजनीति में संतुलित और सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है। अमेरिका और पश्चिमी देशों के साथ संबंध बनाए रखने के साथ-साथ भारत अब ग्लोबल साउथ के देशों के साथ सहयोग और रणनीतिक समझ को प्राथमिकता दे रहा है।
इस दिशा में उठाए गए कदम भविष्य में भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि और विकासशील देशों के साथ उसके संबंधों को और मजबूत करेंगे।
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