भारत और इज़राइल ने आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस नीति व व्यापारिक सहयोग पर की चर्चा
भारत और इज़राइल ने आतंकवाद पर “जीरो टॉलरेंस” नीति अपनाने, व्यापार व संपर्क बढ़ाने और गाज़ा शांति योजना के तहत क्षेत्र में स्थायी शांति स्थापित करने पर चर्चा की।
भारत और इज़राइल ने मंगलवार (4 नवंबर 2025) को आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक स्तर पर “जीरो टॉलरेंस” नीति अपनाने और व्यापार, अवसंरचना तथा संपर्क के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। साथ ही, भारत ने आशा जताई कि अमेरिका समर्थित गाज़ा शांति योजना क्षेत्र में स्थायी शांति लाएगी।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके इज़राइली समकक्ष गिडोन सार के बीच हुई बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। दोनों देशों के बीच जल्द ही इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की भारत यात्रा को लेकर भी विचार हुआ।
बैठक में इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर (IMEC) के कार्यान्वयन पर भी चर्चा हुई, जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय संपर्क और आर्थिक सहयोग को बढ़ाना है।
और पढ़ें: कोलकाता में सीएम ममता बनर्जी ने SIR के खिलाफ निकाला विशाल टीएमसी मार्च
जयशंकर ने अपने संबोधन में कहा, “भारत और इज़राइल दोनों आतंकवाद की चुनौती का सामना कर रहे हैं। हमें सभी प्रकार के आतंकवाद के प्रति वैश्विक स्तर पर शून्य सहनशीलता (Zero Tolerance) नीति अपनानी चाहिए।”
वहीं, इज़राइली विदेश मंत्री सार ने कहा कि उनका देश हामास, हिज़्बुल्लाह और हूथी आतंकवादी संगठनों के खिलाफ संघर्ष कर रहा है। उन्होंने कहा, “हामास का खात्मा राष्ट्रपति ट्रंप की योजना का केंद्र है, हम किसी भी तरह का समझौता नहीं करेंगे।”
सार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इज़राइल समर्थन की भी सराहना की और कहा कि “हामास के 7 अक्टूबर नरसंहार के बाद पीएम मोदी पहले विश्व नेता थे जिन्होंने नेतन्याहू को फोन किया।”
दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों और निवेश समझौते को आगे बढ़ाने पर भी सहमति बनी। जयशंकर ने कहा कि कृषि, पर्यटन, वित्त और अर्थव्यवस्था से जुड़े मंत्री हाल ही में भारत का दौरा कर चुके हैं, जो साझेदारी को और मजबूत करेगा।