तालिबान को मान्यता देने की दिशा में भारत का रुख नरम, मुत्ताकी पांच दिवसीय दौरे पर दिल्ली पहुंचेंगे
तालिबान के विदेश मंत्री मुत्ताकी पांच दिन के भारत दौरे पर आएंगे। मॉस्को फॉर्मेट वार्ता में उन्हें पहली बार आधिकारिक सदस्य के रूप में शामिल किया गया, भारत ने नरम रुख दिखाया।
भारत और तालिबान के बीच संबंधों में एक संभावित बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी अगले सप्ताह पांच दिवसीय भारत दौरे पर आने वाले हैं। यह दौरा इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है कि भारत धीरे-धीरे तालिबान सरकार के साथ प्रत्यक्ष संवाद और सीमित स्तर पर मान्यता की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
इससे पहले रूस की राजधानी मॉस्को में आयोजित “मॉस्को फॉर्मेट” की बैठक में भारत, चीन और पाकिस्तान समेत 10 देशों ने हिस्सा लिया था। इस बैठक में पहली बार मुत्ताकी को अफगानिस्तान के “आधिकारिक प्रतिनिधि” के रूप में शामिल किया गया और तालिबान का झंडा भी फहराया गया। इस घटना को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तालिबान की राजनीतिक स्वीकार्यता की दिशा में एक बड़ा संकेत माना जा रहा है।
बैठक के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य में अफगानिस्तान की संप्रभुता और क्षेत्रीय स्थिरता पर जोर दिया गया, साथ ही अमेरिका के बगराम एयर बेस को दोबारा अपने नियंत्रण में लेने की संभावित कोशिशों की अप्रत्यक्ष रूप से आलोचना की गई। यह बयान स्पष्ट करता है कि क्षेत्रीय शक्तियां अफगानिस्तान में अमेरिकी हस्तक्षेप के किसी भी प्रयास का विरोध करती हैं।
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भारत ने 2021 में तालिबान के काबुल पर नियंत्रण के बाद से सतर्क नीति अपनाई थी, लेकिन पिछले एक वर्ष में मानवीय सहायता, कूटनीतिक संवाद और क्षेत्रीय सुरक्षा चर्चाओं के माध्यम से उसके साथ सीमित संपर्क बढ़ा है। मुत्ताकी की दिल्ली यात्रा इस संबंध को औपचारिक रूप देने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।
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