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पाकिस्तान को चीन की पनडुब्बियों और युद्धपोतों की आपूर्ति पर नौसेना की कड़ी नजर: उप नौसेना प्रमुख

भारतीय नौसेना चीन द्वारा पाकिस्तान को दी जा रही पनडुब्बियों व युद्धपोतों पर कड़ी नजर रख रही है और अपनी एंटी-सबमरीन क्षमताओं को मजबूत करने के लिए लगातार तैयारी कर रही है।

उप नौसेना प्रमुख (VCNS) वाइस एडमिरल संजय वात्सायन ने बुधवार (19 नवंबर 2025) को कहा कि भारतीय नौसेना पाकिस्तान को चीन द्वारा दी जा रही पनडुब्बियों और युद्धपोतों की आपूर्ति पर “करीबी नजर” रख रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि हिंद महासागर क्षेत्र में हो रहे सभी सामरिक और सैन्य विकासों की लगातार निगरानी की जा रही है, ताकि भारत की समुद्री सुरक्षा और परिचालन तैयारी मजबूत बनी रहे।

नई दिल्ली में आयोजित स्वावलंबन 2025 कार्यक्रम के कर्टन-रेज़र के दौरान वाइस एडमिरल वात्सायन ने कहा कि नौसेना को पूरी जानकारी है कि पाकिस्तान को किस प्रकार के नौसैनिक प्लेटफॉर्म और तकनीकें हस्तांतरित की जा रही हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए भारतीय नौसेना अपनी एंटी-सबमरीन वारफेयर क्षमता को और उन्नत कर रही है। उन्होंने कहा, “हमें पूरी तरह पता है कि हमें किन क्षमताओं की आवश्यकता है, और हम उन्हें हासिल करने की दिशा में तेजी से काम कर रहे हैं।”

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा किसी भी देश द्वारा की जाने वाली गतिविधियों पर निरंतर निगरानी पर निर्भर है, खासतौर पर उन गतिविधियों पर जो क्षेत्रीय सुरक्षा संतुलन को प्रभावित कर सकती हैं। चीन द्वारा पाकिस्तान की नौसेना के आधुनिकीकरण में बढ़ती भूमिका भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय रही है, और नौसेना इस चुनौती का सामना करने के लिए तकनीकी, परिचालन और रणनीतिक स्तर पर तैयारी कर रही है।

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भारतीय नौसेना ने हाल के वर्षों में स्वदेशी प्लेटफॉर्म और अत्याधुनिक पनडुब्बी रोधी तकनीकों पर निवेश बढ़ाया है, ताकि किसी भी बाहरी खतरे का प्रभावी रूप से मुकाबला किया जा सके। वाइस एडमिरल ने आश्वस्त किया कि देश की समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।

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