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भारत में बारिश का कहर: जम्मू-कश्मीर से हिमाचल तक बाढ़ का संकट, दिल्ली में यमुना का जलस्तर घटा

जम्मू के रामबन में बाढ़ से तबाही, हिमाचल के कुल्लू में ब्यास नदी खतरे पर, जबकि दिल्ली में यमुना का जलस्तर घटने से आंशिक राहत मिली।

देश के कई हिस्सों में लगातार हो रही बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं। जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। कई गांवों में घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं, सड़कें टूट गई हैं और लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने को मजबूर हो गए हैं। प्रशासन ने बचाव और राहत कार्य तेज कर दिया है, लेकिन खराब मौसम और पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन के कारण चुनौतियां बढ़ गई हैं।

वहीं, हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में ब्यास नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने से लोगों में दहशत फैल गई है। नदी के किनारे बसे इलाकों में पानी घुसने का खतरा है। जिला प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है। स्थानीय लोग कह रहे हैं कि वर्षों बाद उन्होंने नदी का इतना खतरनाक रूप देखा है।

इसी बीच, दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर घटने लगा है, जिससे राजधानी के निवासियों को आंशिक राहत मिली है। बीते दिनों यमुना का पानी कई निचले इलाकों में भर गया था, जिससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। फिलहाल पानी कम होने से स्थिति धीरे-धीरे सामान्य होती दिख रही है, हालांकि प्रशासन अभी भी सतर्क बना हुआ है।

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विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्थिति जलवायु परिवर्तन और अनियमित मानसूनी पैटर्न का नतीजा है। एक ही समय में अलग-अलग क्षेत्रों में भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन जैसी घटनाएं यह साबित करती हैं कि आपदा प्रबंधन को और सुदृढ़ करने की आवश्यकता है।

कुल मिलाकर, उत्तर भारत के पहाड़ी और मैदानी हिस्से दोनों ही बारिश और बाढ़ की मार झेल रहे हैं, जबकि राहत की उम्मीद केवल मौसम में सुधार पर टिकी है।

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