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भारत ने द्विपक्षीय मुद्दों पर किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को किया खारिज: पाकिस्तान के विदेश मंत्री दार

पहलगाम आतंकी हमले में 26 मौतों के बाद भारत-पाकिस्तान तनाव बढ़ा। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने तीसरे पक्ष की मध्यस्थता का ज़िक्र किया, जिसे भारत ने सख्ती से खारिज किया।

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक दार ने हाल ही में बयान दिया कि भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते विवादों और संघर्षों को सुलझाने के लिए तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की आवश्यकता है। हालांकि, भारत ने इस प्रस्ताव को सख्ती से खारिज कर दिया और दोहराया कि दोनों देशों के बीच सभी मुद्दे केवल द्विपक्षीय बातचीत के माध्यम से ही हल किए जा सकते हैं।

यह बयान ऐसे समय आया है जब 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें अधिकांश निर्दोष नागरिक शामिल थे। इस घटना के बाद भारत ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को संरक्षण देने का आरोप लगाया। वहीं पाकिस्तान ने इन आरोपों को नकारते हुए बातचीत और मध्यस्थता की बात की।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि किसी भी तीसरे पक्ष की भूमिका स्वीकार्य नहीं है। भारत का रुख हमेशा से यही रहा है कि पाकिस्तान यदि आतंकवाद पर लगाम लगाए और हिंसा को बढ़ावा देना बंद करे, तभी सार्थक संवाद संभव है।

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विशेषज्ञों का मानना है कि पहलगाम हमले ने दोनों देशों के रिश्तों में और गहरी खाई पैदा कर दी है। भारत का यह सख्त रुख पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ा सकता है, क्योंकि दुनिया के कई देश आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख का समर्थन कर रहे हैं।

कूटनीतिक हलकों का कहना है कि आने वाले दिनों में भारत-पाक संबंधों में और तल्खी देखने को मिल सकती है। हालांकि, भारत ने यह भी संकेत दिया है कि वह बातचीत से पीछे नहीं है, लेकिन शर्त यही है कि पाकिस्तान को आतंकवाद पर निर्णायक कदम उठाने होंगे।

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