सऊदी-पाकिस्तान रक्षा समझौते पर भारत ने व्यक्त की चिंता, कहा- आपसी हितों और संवेदनशीलताओं का रखें ध्यान
भारत ने सऊदी-पाकिस्तान रक्षा समझौते पर चिंता जताई। विदेश मंत्रालय ने कहा कि रियाद किसी भी कदम में भारत-सऊदी आपसी हितों और संवेदनशीलताओं का ध्यान रखे।
भारत ने सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच हुए रक्षा समझौते पर प्रतिक्रिया देते हुए स्पष्ट किया है कि रियाद को ऐसे किसी भी कदम में भारत और सऊदी अरब के आपसी हितों और संवेदनशीलताओं का ध्यान रखना चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने गुरुवार को कहा कि भारत और सऊदी अरब के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी है, जो हाल के वर्षों में और अधिक गहरी हुई है।
जायसवाल ने कहा कि भारत और सऊदी अरब ऊर्जा, व्यापार, निवेश, सुरक्षा, रक्षा सहयोग और लोगों से लोगों के जुड़ाव जैसे कई क्षेत्रों में मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के बीच हुई मुलाकातों से दोनों देशों के संबंध नई ऊंचाइयों पर पहुंचे हैं।
विदेश मंत्रालय की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है जब विश्लेषकों का मानना है कि सऊदी-पाकिस्तान रक्षा समझौता क्षेत्रीय समीकरणों पर गहरा असर डाल सकता है। खासकर इसलिए क्योंकि पाकिस्तान ने संकेत दिया है कि उसका परमाणु कार्यक्रम सऊदी अरब के लिए उपलब्ध कराया जा सकता है। यह कदम पश्चिम एशिया की सुरक्षा और स्थिरता को प्रभावित कर सकता है।
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भारत ने हालांकि किसी देश का नाम लेकर आलोचना नहीं की, लेकिन यह साफ किया कि वह चाहता है कि सऊदी अरब किसी भी रक्षा सहयोग के फैसले में भारत के साथ उसके संबंधों को प्राथमिकता दे।
यह बयान भारत की उस रणनीतिक सोच को दर्शाता है जिसमें वह खाड़ी देशों के साथ गहरे रिश्ते बनाकर क्षेत्रीय सुरक्षा और आर्थिक सहयोग में अहम भूमिका निभाना चाहता है।
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