भारत-रूस ने रक्षा सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराई
भारत और रूस ने रक्षा सहयोग को बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराई। अमेरिकी प्रतिबंधों की धमकी के बावजूद, दोनों देशों ने रक्षा साझेदारी को मजबूत करने और सामरिक संबंधों को गहराने का संकल्प लिया।
भारत और रूस ने मंगलवार (5 अगस्त 2025) को रक्षा सहयोग को और मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से कच्चा तेल खरीदने पर भारत पर कड़े प्रतिबंध लगाने की धमकी दी है।
रूसी रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, रूस के उप रक्षा मंत्री कर्नल-जनरल अलेक्जेंडर फोमिन और भारत के राजदूत विनय कुमार के बीच यह बैठक हुई। फोमिन अंतरराष्ट्रीय रक्षा सहयोग की जिम्मेदारी संभालते हैं। मंत्रालय ने बताया कि यह बैठक “गरमजोशी और मैत्रीपूर्ण माहौल में हुई, जो रूस-भारत संबंधों की परंपरा को दर्शाता है।”
बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने रक्षा क्षेत्र में चल रहे संयुक्त परियोजनाओं, तकनीकी सहयोग, और भविष्य में संभावित नए समझौतों पर चर्चा की। रूस ने भारत के साथ दीर्घकालिक रक्षा साझेदारी को और मजबूत करने की इच्छा जताई, जबकि भारतीय राजदूत ने भी रणनीतिक संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
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रूसी अधिकारियों ने कहा कि भारत और रूस के बीच दशकों पुराने रक्षा संबंध दोनों देशों की सुरक्षा और स्थिरता के लिए अहम हैं। वहीं, अमेरिकी दबाव के बावजूद भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों के अनुसार ही विदेश नीति और रक्षा सहयोग से जुड़े फैसले लेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह बैठक दोनों देशों के बीच सामरिक विश्वास को और गहरा करेगी और भविष्य में रक्षा उत्पादन, तकनीकी हस्तांतरण और संयुक्त सैन्य अभ्यासों में नए अवसर खोलेगी।
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