ट्रंप टैरिफ से पहले ही भारत ने रूस से तेल आयात घटाना शुरू कर दिया था
भारत ने रूस से तेल आयात में कमी ट्रंप टैरिफ लागू होने से पहले ही शुरू कर दी थी। सितंबर 2025 में रूस से आयात मूल्य में 29% और मात्रा में 17% गिरावट दर्ज हुई।
रूस से भारत के तेल आयात में कमी की शुरुआत ट्रंप सरकार द्वारा लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ से पहले ही हो चुकी थी। अमेरिकी सरकार द्वारा रूसी तेल से संबंधित आयात पर 25% अतिरिक्त टैरिफ 27 अगस्त को लागू हुआ, लेकिन आधिकारिक आँकड़ों से पता चलता है कि भारत ने सितंबर 2025 तक पिछले 10 महीनों में से 8 महीनों में रूसी तेल आयात के मूल्य में कटौती की थी।
सरकारी अधिकारियों और उपलब्ध डेटा के विश्लेषण से स्पष्ट है कि भारत पहले से ही रूस पर अपनी तेल निर्भरता कम करने की एक व्यापक रणनीति लागू कर रहा था। यह रणनीति अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतार-चढ़ाव, भुगतान प्रणाली में आने वाली चुनौतियों और पश्चिमी देशों के बढ़ते दबाव जैसे कई कारकों से प्रभावित थी।
सरकारी व्यापार आँकड़ों के विश्लेषण के अनुसार, सितंबर 2025 में रूस से भारत के तेल आयात पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में काफी कम रहे। सितंबर 2025 — वह पहला पूरा महीना था जब भारत से अमेरिकी आयात पर 50% टैरिफ लागू था — में रूस से तेल आयात मूल्य के आधार पर 29% और मात्रा के आधार पर 17% कम थे।
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यह संकेत देता है कि भारत अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव से पहले ही रूस से आयात में विविधीकरण की दिशा में बढ़ रहा था। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत आने वाले समय में मध्य पूर्व, अफ्रीका और अमेरिका जैसे क्षेत्रों से आयात बढ़ा सकता है, जिससे ऊर्जा सुरक्षा को व्यापक आधार मिल सकेगा।
भारत की रणनीति यह भी दर्शाती है कि वह ऊर्जा आपूर्ति के मामले में किसी एक देश पर अत्यधिक निर्भर रहने के जोखिम को कम करना चाहता है, खासकर वर्तमान वैश्विक भू-राजनीतिक माहौल को देखते हुए।
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