संयुक्त राष्ट्र महासभा में फिलिस्तीन पर प्रस्ताव के पक्ष में भारत ने दिया वोट
भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में फिलिस्तीन पर प्रस्ताव का समर्थन किया। 142 देशों ने पक्ष में वोट दिया, 10 ने विरोध किया। भारत ने दो-राष्ट्र समाधान पर अपना रुख दोहराया।
संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में फिलिस्तीन से जुड़े एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर भारत ने अपना समर्थन दिया है। यह प्रस्ताव फ्रांस की ओर से पेश किया गया था, जिसमें दो-राष्ट्र समाधान (Two-State Solution) का समर्थन किया गया। महासभा में इस प्रस्ताव को भारी बहुमत मिला, जहां 142 देशों ने पक्ष में वोट दिया, 10 देशों ने विरोध किया और 12 देश मतदान से अनुपस्थित रहे।
भारत ने इस प्रस्ताव का समर्थन करते हुए एक बार फिर फिलिस्तीन के मुद्दे पर अपनी पारंपरिक और संतुलित विदेश नीति को सामने रखा। भारत लंबे समय से इस बात पर ज़ोर देता रहा है कि इज़राइल और फिलिस्तीन के बीच शांति केवल वार्ता और दो-राष्ट्र समाधान के जरिए ही संभव है।
कूटनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भारत का यह रुख वैश्विक मंच पर उसके संतुलनकारी दृष्टिकोण को दर्शाता है। एक ओर भारत इज़राइल के साथ गहरे रणनीतिक और रक्षा संबंध बनाए हुए है, वहीं दूसरी ओर वह फिलिस्तीन के अधिकारों और स्वतंत्र राष्ट्र की मांग का भी समर्थन करता है। इस वोट से यह स्पष्ट हो गया है कि भारत मध्य-पूर्व में स्थायी शांति और स्थिरता चाहता है।
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प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करने वाले देशों ने अंतरराष्ट्रीय कानून और मानवाधिकारों की रक्षा पर ज़ोर दिया। वहीं विरोध करने वाले देशों में इज़राइल और अमेरिका शामिल थे। भारत का वोट उन 142 देशों के साथ जुड़ गया, जिन्होंने फिलिस्तीन को न्याय और स्वतंत्रता देने की दिशा में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की जिम्मेदारी को स्वीकार किया।
यह कदम न केवल भारत की पुरानी विदेश नीति की निरंतरता है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय शांति प्रयासों में उसकी सक्रिय भूमिका को भी रेखांकित करता है।
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