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भारत ने पहली बार अमेरिकी एलपीजी आयात के लिए ऐतिहासिक समझौता किया

भारत ने पहली बार अमेरिकी एलपीजी आयात के लिए 2.2 MTPA का वार्षिक समझौता किया, जिससे ऊर्जा सुरक्षा, आपूर्ति विविधता और भारत-अमेरिका ऊर्जा सहयोग को नई मजबूती मिलेगी।

भारत ने ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए संयुक्त राज्य अमेरिका से तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) आयात करने के लिए अपना पहला संरचित वार्षिक समझौता किया है। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार (17 नवंबर, 2025) को इस ऐतिहासिक सौदे की जानकारी दी।

मंत्री पुरी ने बताया कि भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने अमेरिकी गल्फ कोस्ट से एलपीजी आयात करने के लिए एक वर्षीय अनुबंध को सफलतापूर्वक अंतिम रूप दिया है। उनके अनुसार, भारत 2026 के अनुबंध वर्ष के दौरान अमेरिका से लगभग 2.2 मिलियन टन प्रति वर्ष (MTPA) एलपीजी आयात करेगा। यह समझौता पहली बार है जब भारत ने अमेरिकी एलपीजी आपूर्ति के लिए एक संरचित और दीर्घकालिक अनुबंध किया है।

उन्होंने X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए इसे भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया। यह कदम न केवल भारत की ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखला में विविधता लाने में मदद करेगा, बल्कि वैश्विक एलपीजी बाजार में भारत की स्थिति को भी मजबूत करेगा।

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अमेरिका से एलपीजी का आयात भारत को बढ़ती घरेलू मांग को पूरा करने में सहायता करेगा, खासकर ऐसे समय में जब एलपीजी उपभोग लगातार बढ़ रहा है। यह सौदा भारत के ऊर्जा स्त्रोतों को विविध बनाने के प्रयासों और अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।

विशेषज्ञ मानते हैं कि यह समझौता भविष्य में भारत और अमेरिका के बीच ऊर्जा क्षेत्र में और अधिक सहयोग का मार्ग खोल सकता है। यह कदम घरेलू ऊर्जा बाजार की स्थिरता और उपभोक्ताओं के लिए दीर्घकालिक लाभ सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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