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भारतीय नौसेना को मिली दूसरी पनडुब्बी रोधी उथले जल युद्धपोत अंद्रोथ

भारतीय नौसेना को दूसरा पनडुब्बी रोधी युद्धपोत ‘अंद्रोथ’ मिला। इससे समुद्री सुरक्षा और निगरानी क्षमता मजबूत हुई। यह आठ जहाजों की शृंखला का हिस्सा है, पहला ‘अर्नाला’ पहले ही शामिल है।

भारतीय नौसेना को शनिवार को अपनी समुद्री सुरक्षा क्षमताओं को और मजबूत करने के लिए दूसरा पनडुब्बी रोधी उथले जल युद्धपोत (Anti-Submarine Warfare Shallow Water Craft)अंद्रोथ’ प्राप्त हुआ। यह युद्धपोत गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) लिमिटेड, जो रक्षा मंत्रालय के अधीन एक सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम है, द्वारा बनाया गया है।

यह डिलीवरी उस समय हुई जब इसी शृंखला का पहला युद्धपोत अर्नाला’ को 8 मई 2025 को नौसेना को सौंपा गया था और 18 जून को औपचारिक रूप से सेवा में शामिल किया गया। अब ‘अंद्रोथ’ की उपलब्धता ने इस शृंखला के आठ युद्धपोतों के निर्माण कार्यक्रम को और गति दी है।

इन जहाजों को विशेष रूप से पनडुब्बियों का पता लगाने और उन्हें निष्क्रिय करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इनका उपयोग तटीय रक्षा, खाड़ी और उथले समुद्री इलाकों में गश्त करने के लिए किया जाएगा। इनके शामिल होने से भारतीय नौसेना की समुद्री सुरक्षा और निगरानी क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।

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रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इन उन्नत युद्धपोतों के शामिल होने से भारत की समुद्री सीमाएं और सुरक्षित होंगी। साथ ही यह भारतीय नौसेना की आधुनिकरण और आत्मनिर्भरता (Atmanirbhar Bharat) की दिशा में एक बड़ा कदम है।

‘अंद्रोथ’ का नौसेना में शामिल होना न केवल रणनीतिक महत्व रखता है, बल्कि यह भारत की शिपबिल्डिंग क्षमताओं की भी बड़ी उपलब्धि है। आने वाले समय में शृंखला के अन्य छह युद्धपोत भी नौसेना को सौंपे जाएंगे।

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