भारतीय ऑयल का दूसरी तिमाही में मुनाफा 40 गुना बढ़ा, रिफाइनिंग मार्जिन और लोअर बेस का बड़ा असर
इंडियन ऑयल का तिमाही मुनाफा 40 गुना बढ़कर ₹7,610 करोड़ हुआ। बेहतर रिफाइनिंग मार्जिन और लोअर बेस इफेक्ट से कंपनी का प्रदर्शन मजबूत रहा।
राज्य संचालित तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) ने वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में शानदार प्रदर्शन किया है। कंपनी का शुद्ध मुनाफा साल-दर-साल (YoY) आधार पर 4,128% यानी 40 गुना बढ़कर ₹7,610.45 करोड़ हो गया। यह बढ़ोतरी बेहतर रिफाइनिंग मार्जिन और पिछले साल की लोअर बेस इफेक्ट के कारण हुई है।
कंपनी का औसत ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन (GRM), जो लाभप्रदता का प्रमुख संकेतक होता है, इस साल की पहली छमाही में $6.32 प्रति बैरल रहा, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह $4.08 प्रति बैरल था — यानी लगभग 55% की वृद्धि।
पिछले साल की दूसरी तिमाही में इंडियन ऑयल को केवल ₹180 करोड़ का मुनाफा हुआ था, क्योंकि उस समय इन्वेंट्री लॉस और कम रिफाइनिंग मार्जिन के चलते प्रदर्शन कमजोर रहा था।
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सितंबर तिमाही में कंपनी की कुल राजस्व (Revenue) 4.07% बढ़कर ₹2.04 लाख करोड़ पर पहुंच गया। वहीं, घरेलू बिक्री में भी 4.2% की बढ़ोतरी दर्ज हुई और यह 22,851 मिलियन मीट्रिक टन (MMT) तक पहुंच गई।
कंपनी के रिफाइनरी थ्रूपुट में भी 5.2% की वृद्धि होकर यह 17.608 MMT तक पहुंच गया।
शेयर बाजार में सोमवार (27 अक्टूबर) को इंडियन ऑयल के शेयर BSE पर ₹155.15 और NSE पर ₹155.23 पर बंद हुए, जो क्रमशः 3.19% और 3.23% की बढ़त दर्शाते हैं।
उद्योग की अन्य कंपनियां हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम भी इस हफ्ते अपने तिमाही नतीजे जारी करेंगी।
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