भारतीय शांति सैनिकों ने बनाई विशिष्ट पहचान, अर्जित की वैश्विक सराहना: राष्ट्रपति मुर्मू
राष्ट्रपति मुर्मू ने भारतीय शांति सैनिकों की प्रशंसा की। उनके लिंग समावेशन, सामुदायिक सशक्तिकरण और संयुक्त राष्ट्र मिशनों में योगदान ने भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा बढ़ाई।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय शांति सैनिकों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक विशेष पहचान बनाई है और विश्व समुदाय में भारत की अच्छी प्रतिष्ठा अर्जित की है। राष्ट्रपति ने यह उल्लेख किया कि भारतीय शांति सैनिक अपने लिंग समावेशन (gender inclusion), सामुदायिक सशक्तिकरण (community empowerment) और संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों (United Nations peacekeeping missions) के प्रति निष्ठा के लिए दुनिया भर में जाने जाते हैं।
उन्होंने कहा कि भारतीय शांति सैनिक न केवल संघर्ष और अशांति वाले क्षेत्रों में सुरक्षा प्रदान करते हैं, बल्कि स्थानीय समुदायों के जीवन में सुधार लाने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सेवाओं में भी सक्रिय भूमिका निभाते हैं। उनके योगदान से वहां की जनता में सुरक्षा और विकास की भावना मजबूत होती है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने यह भी बताया कि महिला शांति सैनिकों की भागीदारी से मिशनों में समानता और समावेशिता बढ़ी है। इससे यह संदेश जाता है कि भारतीय शांति सैनिक बहादुर होने के साथ-साथ संवेदनशील और सामाजिक जिम्मेदारी निभाने वाले भी हैं।
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उन्होंने जोर देकर कहा कि भारतीय शांति सैनिकों का यह समर्पण और मानवता के प्रति प्रतिबद्धता दुनिया में भारत की सकारात्मक छवि को मजबूत करती है। उनके प्रयास केवल सैन्य कार्रवाई तक सीमित नहीं हैं, बल्कि उन्होंने शांति, विकास और मानव कल्याण में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने अंत में यह संदेश दिया कि भारतीय शांति सैनिक अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भारत का गौरव हैं और उनके द्वारा किए गए प्रयास शांति स्थापना और सामाजिक विकास में अहम भूमिका निभा रहे हैं।