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स्वदेशी स्ट्रोक डिवाइस को घरेलू ट्रायल डेटा के आधार पर मंजूरी, फरवरी 2026 में होगा लॉन्च

भारत में विकसित सुपरनोवा स्टेंट रिट्रीवर को घरेलू ट्रायल डेटा के आधार पर मंजूरी मिली है। गंभीर स्ट्रोक के इलाज में उपयोगी यह डिवाइस फरवरी 2026 में लॉन्च होगी।

भारत में विकसित एक स्वदेशी स्ट्रोक उपचार उपकरण को केवल घरेलू क्लिनिकल ट्रायल डेटा के आधार पर मंजूरी मिल गई है। यह उपकरण, जिसका नाम सुपरनोवा स्टेंट रिट्रीवर है, फरवरी 2026 में देश में लॉन्च किए जाने की उम्मीद है। इस डिवाइस का उपयोग गंभीर स्ट्रोक के मामलों में किया जाता है, जिसमें मस्तिष्क में जमे खून के थक्कों को हटाकर 24 घंटे के भीतर रक्त प्रवाह को बहाल किया जाता है।

इस अत्याधुनिक मेडिकल डिवाइस को ग्रैविटी मेडिकल टेक्नोलॉजी द्वारा विकसित किया गया है। इसके क्लिनिकल ट्रायल का नेतृत्व दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने किया। ट्रायल के दौरान डिवाइस की सुरक्षा और प्रभावशीलता से जुड़े सकारात्मक परिणाम सामने आए, जिसके बाद केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने इसके निर्माण और विपणन को मंजूरी दे दी।

यह पहली बार है जब किसी स्ट्रोक उपचार उपकरण को भारत में केवल घरेलू क्लिनिकल ट्रायल डेटा के आधार पर स्वीकृति मिली है। अब तक ऐसे उपकरणों के लिए विदेशी ट्रायल डेटा पर निर्भरता आम बात रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह उपलब्धि भारत के मेडिकल डिवाइस सेक्टर के लिए एक बड़ा मील का पत्थर है और ‘मेक इन इंडिया’ पहल को भी मजबूती देगी।

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सुपरनोवा स्टेंट रिट्रीवर को देश में ही निर्मित किए जाने की योजना है, जिससे इसकी लागत अपेक्षाकृत कम हो सकती है और अधिक मरीजों तक उन्नत स्ट्रोक उपचार की पहुंच सुनिश्चित की जा सकेगी। गंभीर स्ट्रोक के मामलों में समय पर इलाज बेहद अहम होता है, और यह डिवाइस 24 घंटे के भीतर प्रभावी हस्तक्षेप की सुविधा प्रदान करती है।

चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्वदेशी तकनीक से न केवल इलाज की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि भारत वैश्विक मेडिकल डिवाइस बाजार में भी अपनी पहचान मजबूत कर सकेगा।

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