इंदौर में दूषित पानी से मौतों का आंकड़ा 10 पहुंचा, एक अधिकारी बर्खास्त, दो निलंबित; जांच समिति गठित
इंदौर में नगर निगम के दूषित पानी से 10 लोगों की मौत हो चुकी है। एक अधिकारी बर्खास्त, दो निलंबित किए गए हैं और मामले की जांच के लिए समिति गठित की गई है।
मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में नगर निगम द्वारा आपूर्ति किए गए दूषित पेयजल के सेवन से बीमार पड़ने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस गंभीर मामले में मौतों का आंकड़ा बढ़कर 10 हो गया है। अधिकारियों ने बुधवार (31 दिसंबर 2025) को बताया कि लापरवाही के आरोप में एक अधिकारी को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है, जबकि दो अन्य अधिकारियों को निलंबित किया गया है। इसके साथ ही पूरे मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच समिति का गठन भी किया गया है।
प्रशासन के अनुसार, अब तक 2,000 से अधिक लोग दूषित पानी पीने के कारण बीमार हो चुके हैं। मृतकों में एक छह महीने का मासूम बच्चा भी शामिल है, जिसकी बुधवार को इलाज के दौरान मौत हो गई। इसके अलावा छह महिलाएं भी इस त्रासदी का शिकार हुई हैं। इंदौर के भागीरथपुरा इलाके से पिछले एक सप्ताह में 100 से अधिक लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जिन्हें नगर निगम की जल आपूर्ति लाइन से पानी पीने के बाद उल्टी, दस्त और तेज बुखार जैसी शिकायतें हुईं।
स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की संयुक्त टीमों ने प्रभावित इलाकों में पानी की आपूर्ति अस्थायी रूप से बंद कर दी है और टैंकरों के जरिए स्वच्छ पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रारंभिक जांच में आशंका जताई जा रही है कि जल आपूर्ति लाइन में सीवेज के मिश्रण के कारण पानी दूषित हुआ, जिससे यह स्थिति उत्पन्न हुई।
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राज्य सरकार ने मामले को अत्यंत गंभीर मानते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। गठित जांच समिति को घटना के कारणों, जिम्मेदार अधिकारियों और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के उपायों पर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।
प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे उबला हुआ या सुरक्षित पानी ही पीएं और किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्या होने पर तुरंत नजदीकी अस्पताल से संपर्क करें। इस घटना ने शहरी जल आपूर्ति व्यवस्था और निगरानी तंत्र पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।