हादसे में मौत के बाद भी धड़कता रहेगा दिल: केरल के इसाक जॉर्ज ने दी नई उम्मीद
दुर्घटना में मृत इसाक जॉर्ज का दिल 28 वर्षीय मरीज को नई जिंदगी देगा। योजना के तहत एयर एंबुलेंस से कोच्चि अस्पताल में प्रत्यारोपण की तैयारी हुई।
केरल के इसाक जॉर्ज की असमय दुर्घटना में मौत हो गई, लेकिन उनका दिल अब किसी और की ज़िंदगी बचाने जा रहा है। उनका हृदय एयर एंबुलेंस के ज़रिए कोच्चि के एक अस्पताल पहुंचाया जा रहा है, जहां इसे 28 वर्षीय मरीज में प्रत्यारोपित किया जाएगा। यह मरीज लंबे समय से केरल सरकार की अंगदान योजना के तहत हार्ट ट्रांसप्लांट की प्रतीक्षा सूची में था।
अधिकारियों ने बताया कि जॉर्ज का परिवार गहरे दुख के बावजूद अंगदान के लिए सहमत हुआ। इस कदम से न केवल एक गंभीर मरीज को जीवनदान मिलेगा बल्कि समाज में अंगदान के महत्व का संदेश भी जाएगा।
कार्यक्रम के तहत राज्य में अंगदान और प्रत्यारोपण की प्रक्रिया को व्यवस्थित और पारदर्शी तरीके से संचालित किया जाता है। इस पहल ने अब तक सैकड़ों मरीजों को नई जिंदगी दी है। विशेषज्ञों के अनुसार, हृदय प्रत्यारोपण एक अत्यंत संवेदनशील और समयबद्ध प्रक्रिया है, जिसमें दाता का अंग सही समय पर प्राप्त होना बेहद अहम होता है।
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डॉक्टरों ने कहा कि इसाक जॉर्ज का दिल अब उस मरीज के लिए नई उम्मीद बनेगा, जो लंबे समय से जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहा था।
सामाजिक संगठनों और स्थानीय लोगों ने इसाक जॉर्ज के परिवार के इस साहस और उदारता की सराहना की है। उनका मानना है कि यह घटना समाज को अंगदान की दिशा में प्रेरित करेगी और कई अन्य लोगों को भी आगे आने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
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