क्या राष्ट्रीय एंटी-प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी को अब नया जीवन मिलेगा: जयराम रमेश
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पूछा कि मोदी सरकार 1 अप्रैल 2025 से समाप्त होने वाली राष्ट्रीय एंटी-प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी को नया जीवन देगी या उपभोक्ता हितों की अनदेखी करेगी।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मोदी सरकार पर राष्ट्रीय एंटी-प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी (NAA) को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा कि 30 सितंबर 2024 को केंद्र सरकार ने एक अधिसूचना जारी की थी, जिसके अनुसार 1 अप्रैल 2025 से NAA को समाप्त कर दिया जाएगा।
रमेश ने पूछा कि क्या अब इस अथॉरिटी को नया जीवन मिलेगा या सरकार का इरादा इसे पूरी तरह खत्म करने का है। उन्होंने कहा कि NAA का गठन जीएसटी लागू होने के बाद इस उद्देश्य से किया गया था कि उपभोक्ताओं को टैक्स कटौती का लाभ सीधे तौर पर मिले और कंपनियां मनमाने तरीके से दाम न बढ़ा सके।
कांग्रेस नेता का आरोप है कि केंद्र सरकार की नीति और निर्णय उपभोक्ता संरक्षण की भावना के विपरीत हैं। उन्होंने कहा कि जब मोदी सरकार खुद ही इसे समाप्त करने का निर्णय ले चुकी थी, तो अब सवाल उठता है कि क्या यह सिर्फ चुनावी दबाव में लिया गया कदम था या वास्तव में सरकार उपभोक्ता हितों की रक्षा के लिए गंभीर है।
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आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि NAA के अस्तित्व पर सवाल उठना बाजार और उपभोक्ता दोनों के लिए असमंजस की स्थिति पैदा करता है। यदि अथॉरिटी को पुनर्जीवित किया जाता है, तो यह उपभोक्ताओं के अधिकारों की सुरक्षा को मजबूती देगा।
रमेश ने सरकार से स्पष्ट जवाब मांगा है कि क्या NAA को आगे बढ़ाया जाएगा या 1 अप्रैल 2025 के बाद यह संस्था पूरी तरह खत्म हो जाएगी।
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