जम्मू-कश्मीर के एकमात्र AAP विधायक को पहली बार सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत एक साल के लिए गिरफ्तार किया गया
जम्मू-कश्मीर के एकमात्र AAP विधायक मलिक को PSA के तहत एक साल के लिए हिरासत में लिया गया। उन पर 18 FIRs दर्ज हैं और वे सार्वजनिक व्यवस्था भंग कर रहे थे।
जम्मू-कश्मीर के एकमात्र आम आदमी पार्टी (AAP) विधायक को सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (Public Safety Act - PSA) के तहत एक साल के लिए हिरासत में लिया गया है। यह ऐतिहासिक मामला है क्योंकि यह PSA के तहत किसी विधायक को पहली बार इतनी लंबी अवधि के लिए गिरफ्तार किया गया है। विधायक मलिक को भद्रवाह जेल भेजा गया है।
अधिकारियों के अनुसार, मलिक का नाम कुल 18 प्राथमिकी (FIRs) और 16 दैनिक डायरी रिपोर्ट्स (daily diary reports) में दर्ज है। अधिकारियों का दावा है कि वह लगातार सार्वजनिक व्यवस्था को प्रभावित कर रहे थे और उनके कृत्यों से इलाके में अशांति और परेशानी बढ़ रही थी। PSA के तहत हिरासत का मकसद स्थानीय प्रशासन और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करना बताया गया है।
मलिक के हिरासत में लिए जाने के बाद राजनीतिक हलकों में इस फैसले को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। विपक्षी दलों ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताया है, जबकि प्रशासन ने इसे कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम बताया।
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जानकारों का कहना है कि PSA का इस्तेमाल अत्यंत संवेदनशील मामलों में किया जाता है, और इसमें किसी भी व्यक्ति की स्वतंत्रता पर लंबे समय तक रोक लगाई जा सकती है। यह विधि स्थानीय प्रशासन को यह अधिकार देती है कि अगर कोई व्यक्ति सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा बनता है, तो उसे बिना ट्रायल के हिरासत में रखा जा सकता है।
जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक और सामाजिक माहौल को देखते हुए, इस कदम को सुरक्षा और राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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