कोलकाता में जावेद अख्तर का कार्यक्रम रद्द, नागरिक समूहों ने सरकार पर झुकने का आरोप लगाया
कोलकाता में जावेद अख्तर का कार्यक्रम विरोध के चलते रद्द हुआ। नागरिक समूहों ने सरकार पर दबाव में झुकने का आरोप लगाया, जबकि विरोधियों का दावा है कि यह सांप्रदायिक सौहार्द के लिए जरूरी था।
कोलकाता में मशहूर गीतकार और लेखक जावेद अख्तर के कार्यक्रम को अचानक रद्द कर दिया गया है। इस फैसले के बाद नागरिक अधिकार समूहों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सरकार पर मूलभूत ताकतों के दबाव में झुकने का आरोप लगाया है।
यह कार्यक्रम सांस्कृतिक संवाद और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया जाना था। आयोजकों के अनुसार, कार्यक्रम रद्द करने के पीछे किसी विशेष समूह के विरोध को कारण बताया गया है। विरोध करने वालों का कहना है कि वे राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखना चाहते हैं और इस कार्यक्रम से तनाव बढ़ सकता है।
नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह फैसला अभिव्यक्ति की आज़ादी और सांस्कृतिक बहुलता के खिलाफ है। उनका कहना है कि लोकतंत्र में सभी विचारों को जगह मिलनी चाहिए और संवाद को रोकने से समस्याएं हल नहीं होतीं।
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सामाजिक कार्यकर्ताओं का आरोप है कि सरकार ने राजनीतिक दबाव और तुष्टिकरण के चलते यह कदम उठाया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर इस तरह की प्रवृत्ति जारी रही तो राज्य की सांस्कृतिक पहचान पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।
फिलहाल, राज्य सरकार की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। हालांकि, सूत्रों के अनुसार, प्रशासन को आशंका थी कि कार्यक्रम के दौरान विरोध प्रदर्शन हो सकते हैं, जिससे कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है।
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