मद्रास से केरल हाई कोर्ट ट्रांसफर के बाद न्यायाधीश का कार्यभार संभालने में देरी पर बार में चिंता
न्यायाधीश जे. निशा बानू के मद्रास से केरल हाई कोर्ट ट्रांसफर के बाद कार्यभार संभालने में देरी ने बार में चिंता पैदा कर दी है।
मद्रास हाई कोर्ट से केरल हाई कोर्ट में 14 अक्टूबर, 2025 को ट्रांसफर होने के बाद न्यायाधीश जे. निशा बानू का कार्यभार संभालने में देरी ने बार सदस्यों में चिंता पैदा कर दी है। इस देरी को लेकर न केवल मद्रास हाई कोर्ट के मुख्यालय चेन्नई में बल्कि मदुरै बेंच में भी बार सदस्य असंतोष व्यक्त कर रहे हैं।
न्यायाधीश निशा बानू, मद्रास हाई कोर्ट की तीसरी वरिष्ठ जज होने के कारण न्यायाधीश पदों के लिए उम्मीदवारों की सिफारिश करने वाले कोलेगियम का हिस्सा रही हैं। हालांकि, यदि वह केरल हाई कोर्ट में शामिल होती हैं, तो उनकी वरिष्ठता नौवें स्थान तक गिर जाएगी। यही मुद्दा अब विवाद का केंद्र बन गया है।
न्यायाधीश निशा बानू ने इस मामले में कहा है कि उन्होंने अपने बेटे की शादी के कारण मद्रास हाई कोर्ट में अर्जित अवकाश (earned leave) के लिए आवेदन किया है। उन्होंने बार सदस्यों को आश्वासन दिया कि जैसे ही अवकाश समाप्त होगा, वह केरल हाई कोर्ट में कार्यभार संभालेंगी।
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बार सदस्यों का कहना है कि जज के कार्यभार में विलंब से कोर्ट की कार्यप्रणाली प्रभावित हो सकती है और इससे न्यायिक मामलों की सुनवाई में देरी हो सकती है। वहीं, कुछ वरिष्ठ अधिवक्ता मानते हैं कि व्यक्तिगत कारणों से अवकाश लेना न्यायाधीश का अधिकार है, लेकिन इसमें समय पर स्थानांतरण और कार्यभार ग्रहण करने का संतुलन बनाए रखना आवश्यक है।
इस घटना ने न्यायिक स्थानांतरण की प्रक्रियाओं और वरिष्ठता के मुद्दों पर भी बहस छेड़ दी है, जिससे बार और न्यायिक समुदाय दोनों में चर्चा शुरू हो गई है।
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