कानन गोपीनाथन के कांग्रेस में शामिल होने पर IAS अधिकारियों की राजनीतिक गतिविधियों पर सेवा नियम क्या कहते हैं?
कानन गोपीनाथन IAS से राजनीति में आए और कांग्रेस में शामिल हुए। नियमों के अनुसार IAS अधिकारियों को राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने से पहले सेवा से त्यागपत्र देना अनिवार्य है।
14 अक्टूबर को कानन गोपीनाथन ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) से राजनीति में प्रवेश करते हुए कांग्रेस पार्टी में शामिल होने की घोषणा की। इससे यह सवाल उठता है कि IAS अधिकारियों के लिए राजनीतिक गतिविधियों पर क्या नियम लागू होते हैं।
सिविल सेवा नियमों के अनुसार, IAS अधिकारियों को राजनीतिक गतिविधियों में सीधे भाग लेने से पहले सेवा से अलग होना या सेवानिवृत्त होना अनिवार्य है। यह नियम सुनिश्चित करता है कि प्रशासनिक कार्य निष्पक्ष और पार्टी राजनीतिक दबाव से स्वतंत्र रहें। नियम 7(1) के तहत, अधिकारी किसी भी राजनीतिक दल में सदस्यता लेने या चुनाव लड़ने से पहले छुट्टी/अवकाश लेकर अपने सेवा संबंध समाप्त करें।
इसके अलावा, IAS सेवा के समय किसी भी प्रकार की राजनीतिक गतिविधि जैसे चुनावी समर्थन, पार्टी कार्यक्रमों में भागीदारी या राजनीतिक प्रचार करना कानूनन प्रतिबंधित है। नियमों का उल्लंघन करने पर अधिकारी को अधिस्वीकृति, निलंबन या सेवा से बर्खास्तगी तक का सामना करना पड़ सकता है।
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कानन गोपीनाथन की कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा इस संदर्भ में देखी जा रही है कि उन्होंने पूर्व में सेवा से त्यागपत्र दे दिया था। ऐसा करना नियमों के तहत आवश्यक था ताकि वे राजनीति में पूरी तरह सक्रिय हो सकें। इससे स्पष्ट होता है कि IAS अधिकारियों को राजनीतिक क्षेत्र में कदम रखने से पहले नियमों का पालन करना अनिवार्य है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह कदम IAS और राजनीतिक क्षेत्र के बीच निष्पक्षता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है। गोपीनाथन के फैसले ने इस नियम की महत्ता को पुनः उजागर किया है।
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