कर्नाटक में लेबर कोड जल्दबाज़ी में लागू नहीं होंगे: संतोष लाड
कर्नाटक श्रम मंत्री संतोष लाड ने कहा कि राज्य सरकार जल्दबाज़ी में लेबर कोड लागू नहीं करेगी। श्रमिक संगठनों, उद्योगों और नियोक्ताओं से विस्तृत चर्चा के बाद ही निर्णय लिया जाएगा।
केंद्र सरकार द्वारा शुक्रवार, 21 नवंबर 2025 को चार श्रम संहिताएं (Labour Codes) लागू किए जाने की घोषणा के बाद कर्नाटक में इस मुद्दे पर राजनीतिक और श्रमिक संगठनों की गतिविधि तेज हो गई है। कर्नाटक के श्रम मंत्री संतोष लाड ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार जल्दबाजी में इन श्रम संहिताओं को लागू नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि किसी भी निर्णय से पहले उद्योगों, ट्रेड यूनियनों और नियोक्ता संगठनों से विस्तृत बातचीत की जाएगी।
संतोष लाड ने The Indian Witness से बातचीत में कहा, “Ease of Doing Business के नाम पर श्रमिकों के मुद्दों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। हम यह देखेंगे कि हमारी जनता के लिए क्या बेहतर है। संबंधित सभी पक्षों—उद्योग जगत, ट्रेड यूनियन और नियोक्ता संघ—से चर्चा करके ही निर्णय लिया जाएगा।”
कर्नाटक में श्रम संगठनों ने भी केंद्र के निर्णय का विरोध करते हुए तुरंत प्रतिक्रिया दी है। CITU कर्नाटक राज्य समिति ने शनिवार को फैक्टरियों के गेटों पर, तालुक और जिला केंद्रों पर स्वतःस्फूर्त विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है। इसके अलावा 26 नवंबर, संविधान दिवस पर सभी जिला मुख्यालयों में संगठित प्रदर्शन करने की घोषणा की गई है।
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श्रम संगठनों का कहना है कि नए श्रम कोड कर्मचारियों के अधिकारों और सुरक्षा को कमजोर करते हैं तथा उद्योगों को अधिक छूट देकर मजदूरों पर दबाव बढ़ाते हैं। वहीं, सरकार का दावा है कि इन संहिताओं से रोजगार सृजन और उद्योगों में पारदर्शिता बढ़ेगी।
कर्नाटक सरकार के इस रुख से स्पष्ट है कि राज्य नए श्रम कोड लागू करने से पहले समग्र और संतुलित चर्चा चाहता है, ताकि श्रमिकों, नियोक्ताओं और उद्योगों सभी के हितों का ध्यान रखा जा सके।