केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय: भारत के समान शिक्षा दृष्टिकोण के स्तंभ
केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय देशभर में गुणवत्तापूर्ण, समान और समावेशी शिक्षा के माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों को साकार कर रहे हैं।
भारत का शिक्षा तंत्र देश के सामाजिक और आर्थिक विकास की नींव है। इस परिदृश्य में केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) और जवाहर नवोदय विद्यालय समिति (NVS) शिक्षा मंत्रालय के अधीन दो प्रमुख राष्ट्रीय विद्यालय नेटवर्क हैं जो समानता और गुणवत्ता पर आधारित शिक्षा को सशक्त बना रहे हैं।
KVS की स्थापना 1963 में सरकारी कर्मचारियों के बच्चों को एक समान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के उद्देश्य से की गई थी। आज यह 1,290 विद्यालयों के साथ कार्यरत है और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (NCF 2023) के अनुरूप शिक्षा प्रदान करता है। दूसरी ओर, NVS की शुरुआत 1986 में ग्रामीण प्रतिभाओं को निःशुल्क आवासीय शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए हुई। वर्तमान में 662 नवोदय विद्यालय संचालित हो रहे हैं जो कक्षा VI से XII तक सीबीएसई पाठ्यक्रम का पालन करते हैं और बहुभाषिकता को बढ़ावा देने हेतु तीन-भाषा सूत्र अपनाते हैं।
दोनों संस्थान अलग-अलग सामाजिक और भौगोलिक परिप्रेक्ष्य में कार्यरत हैं। KVS शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में स्थित हैं और आधुनिक डिजिटल सुविधाओं जैसे स्मार्ट क्लासरूम और भाषा प्रयोगशालाओं से सुसज्जित हैं। वहीं NVS ग्रामीण इलाकों में संचालित होते हैं और होस्टल सुविधाओं के साथ वंचित बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करते हैं।
वित्तीय सहायता के क्षेत्र में, केंद्र सरकार दोनों संस्थाओं को पूर्ण रूप से फंड प्रदान करती है। वित्त वर्ष 2024–25 में सरकार ने NVS के लिए 5,370.79 करोड़ रुपये की अनुदान राशि स्वीकृत की है।
2025 में, केंद्र सरकार ने 57 नए केंद्रीय विद्यालय और 28 नए नवोदय विद्यालयों की स्थापना की स्वीकृति दी, जिन पर क्रमशः 5,862.55 करोड़ और 2,359.82 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
डिजिटल शिक्षा के क्षेत्र में, दोनों संस्थान राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप स्मार्ट क्लासरूम, एआई आधारित लर्निंग और वर्चुअल लैब जैसी सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री श्री योजना (PM SHRI) के अंतर्गत 913 केंद्रीय विद्यालय और 620 नवोदय विद्यालय मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किए गए हैं, जो नवाचार, बहुभाषिकता और अनुभवात्मक शिक्षा को प्रोत्साहित कर रहे हैं।
इन पहलों के माध्यम से KVS और NVS न केवल शहरी-ग्रामीण शिक्षा अंतर को कम कर रहे हैं, बल्कि भारत को एक समान और समावेशी शिक्षा व्यवस्था की दिशा में अग्रसर बना रहे हैं।