केरल ने डिजिटल साक्षरता में कैसे रचा कीर्तिमान?
केरल ने स्मार्टफोन आधारित डिजिटल साक्षरता अभियान से राज्य की पहली पूर्ण डिजिटल पंचायत बनाई। स्वयंसेवकों के प्रशिक्षण और व्यापक जागरूकता से लाखों लोग डिजिटल सेवाओं से जुड़े।
केरल ने पूरे राज्य में डिजिटल साक्षरता के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। हाल ही में राज्य की पहली पूर्ण डिजिटल साक्षर पंचायत की घोषणा की गई, जिसने पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया।
इस मिशन में हजारों स्वयंसेवकों ने अहम भूमिका निभाई। इन स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित कर गांव-गांव भेजा गया, ताकि वे आम नागरिकों को डिजिटल तकनीक के इस्तेमाल, खासकर स्मार्टफोन उपयोग, का प्रशिक्षण दे सकें। प्रशिक्षण का मुख्य लक्ष्य था कि ग्रामीण लोग सरकारी सेवाओं, बैंकिंग, स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़ी डिजिटल सुविधाओं का आसानी से लाभ उठा सकें।
संख्याएं बताती हैं कि अब तक लाखों लोगों को डिजिटल साक्षर बनाया गया है। यह अभियान खासकर बुजुर्गों, महिलाओं और आर्थिक रूप से कमजोर तबकों पर केंद्रित रहा। पंचायत स्तर पर विशेष शिविर लगाए गए, जिनमें नागरिकों को ऐप डाउनलोड करने, ऑनलाइन भुगतान करने, और आधार आधारित सेवाओं का उपयोग करने की जानकारी दी गई।
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राज्य सरकार ने कंप्यूटर साक्षरता के बजाय स्मार्टफोन साक्षरता पर जोर दिया है। कारण यह है कि स्मार्टफोन अब हर वर्ग तक पहुंच चुका है और इससे जुड़ी सेवाओं का उपयोग करना अधिक व्यावहारिक और आसान है।
आगे की योजना के तहत केरल सभी पंचायतों को पूर्ण डिजिटल साक्षर घोषित करना चाहता है। इसके लिए चरणबद्ध तरीके से और अधिक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह पहल राज्य की डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और नागरिक सेवाओं को सुगम बनाने में मील का पत्थर साबित होगी।
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