क्रिसमस पर कार्यक्रम को लेकर केरल लोक भवन की आलोचना, मंत्री शिवनकुट्टी ने जताई आपत्ति
केरल मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने क्रिसमस पर लोक भवन में सुशासन दिवस कार्यक्रम आयोजित करने की आलोचना करते हुए इसे श्रम न्याय और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के खिलाफ बताया।
केरल के सामान्य शिक्षा और श्रम मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने गुरुवार (25 दिसंबर 2025) को क्रिसमस के दिन लोक भवन में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाने के फैसले की कड़ी आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि इस फैसले के कारण कर्मचारियों को एक बड़े धार्मिक त्योहार पर प्रभावी रूप से छुट्टी से वंचित कर दिया गया।
मंत्री ने यह टिप्पणी उस समय की, जब लोक भवन ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर 25 दिसंबर को ‘सुशासन दिवस’ मनाया। शिवनकुट्टी, जिनके पास श्रम विभाग का भी प्रभार है, ने आरोप लगाया कि कर्मचारियों को क्रिसमस के दिन ड्यूटी पर उपस्थित होने के लिए कहा गया था।
उन्होंने इस कदम को “अत्यंत आपत्तिजनक” बताते हुए कहा कि यह श्रम न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है। मंत्री ने कहा कि किसी बड़े धार्मिक पर्व के दिन कर्मचारियों को कार्यालय बुलाना अलोकतांत्रिक है और इससे श्रमिकों के अधिकारों का उल्लंघन होता है।
शिवनकुट्टी ने इस फैसले को एक व्यापक प्रवृत्ति का हिस्सा बताया और उत्तर प्रदेश में पहले जारी किए गए उन आदेशों का हवाला दिया, जिनमें स्कूलों को छुट्टी न देने जैसे फैसले शामिल थे।
उन्होंने कहा कि विवाद खड़ा होने के बाद लोक भवन प्रशासन द्वारा यह कहना कि कार्यक्रम में भागीदारी “स्वैच्छिक” थी, जनता को गुमराह करने का प्रयास है। “जब वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश आते हैं, तो ‘स्वैच्छिक’ शब्द केवल नाम मात्र का रह जाता है”।
मंत्री ने आगे कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाए जाने वाले एक प्रमुख धार्मिक त्योहार के दिन सरकारी कार्यक्रम आयोजित करना भारत के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को चुनौती देता है और ऐसी प्रथाओं को तुरंत सुधारा जाना चाहिए।
इससे पहले बुधवार (24 दिसंबर) को लोक भवन ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा था कि 25 दिसंबर को सुशासन दिवस मनाने को लेकर “अनावश्यक विवाद” खड़ा किया जा रहा है। प्रशासन ने दोहराया था कि कर्मचारियों की भागीदारी पूरी तरह वैकल्पिक थी।
और पढ़ें: केरल के स्थानीय निकायों में बीजेपी को रोकने के लिए कांग्रेस से कोई गठजोड़ नहीं: माकपा